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Tuesday, August 17, 2021

EXPERTS की राय- VEHICLES SCRAPPAGE POLICY होगी कारगर, मगर उठाना होगा ये कदम

  •  पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट की सलाह, CNG और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को दिया जाये बढ़ावा 
  • कोलकाता में पर्याप्त सीएनजी, एलपीजी और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का है अभाव 

"व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि इस पॉलिसी से वायु प्रदूषण के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। एक्सपर्ट का कहना है, इस पॉलिसी की तहत उन वाहनों को स्क्रैप करार दिया जायेगा जो फिटनेस टेस्ट में फ़ैल हो जायेंगे।  जो लोग स्वेच्छा से अपने पुराने वाहन को इस पॉलिसी में लाएंगे तो उन्हें इस पॉलिसी का पूरा बेनिफिट मिलेगा लेकिन फिटनेस सर्टिफिकेट निकलवाने के समय जो वाहन अनफिट पाए जायेंगे उन्हें पॉलिसी का बेनिफिट नहीं मिलेगा।  एक्सपर्ट का कहना है, सिर्फ पुराने और अनफिट वाहनों को इस पॉलिसी के तहत सड़कों से हटा देने से ही समस्या का स्थायी समाधान मुमकिन नहीं है। "

PM NARENDRA MODI (pics from social media)



नयी दिल्ली : वायु प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी को लॉन्च किया है।  इस पॉलिसी से न सिर्फ प्रदूषण और एक्सीडेंट में कमी आएगी बल्कि इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी बूस्ट मिलेगा।  

व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि इस पॉलिसी से वायु प्रदूषण के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। एक्सपर्ट का कहना है, इस पॉलिसी की तहत उन वाहनों को स्क्रैप करार दिया जायेगा जो फिटनेस टेस्ट में फ़ैल हो जायेंगे। 

 जो लोग स्वेच्छा से अपने पुराने वाहन को इस पॉलिसी में लाएंगे तो उन्हें इस पॉलिसी का पूरा बेनिफिट मिलेगा लेकिन फिटनेस सर्टिफिकेट निकलवाने के समय जो वाहन अनफिट पाए जायेंगे उन्हें पॉलिसी का बेनिफिट नहीं मिलेगा।  

एक्सपर्ट का कहना है, सिर्फ पुराने और अनफिट वाहनों को इस पॉलिसी के तहत सड़कों से हटा देने से ही समस्या का स्थायी समाधान मुमकिन नहीं है। इसके लिए पेट्रोल और डीजल के विकल्प को अपनाने की भी जरुरत है। 


प्रदूषण और दुर्घटना में आएगी कमी लेकिन करना होगा अन्य विकल्प का इस्तेमाल 

 इस बारे में पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट सौमेंद्र मोहन घोष का कहना है, इस पॉलिसी से प्रदूषण में 50  प्रतिशत की गिरावट आएगी।  सड़क दुर्घटना भी कम होगी, ये बिलकुल सही है।  दरअसल, पुरानी गाड़ियों से ज्यादा प्रदूषण फैलता है। लगभग 50 प्रतिशत प्रदूषण पुरानी गाड़ियों से फैलती है। 

 वहीं, जो कमर्शियल व्हीकल्स है जैसे बस और टैक्सी , उनकी मेन्टेन्स ठीक से नहीं होती है।  ऐसे में उनमें यांत्रिक गड़बड़ी आ जाती है जिससे दुर्घटना घटती है।  इस पॉलिसी से ये जरूर है कि प्रदूषण और एक्सीडेंट में गिरावट आएगी लेकिन इसे स्थायी रखने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने की भी जरुरत है। 

 घोष का कहना है , अगर कोई अपनी 10 या 15  साल पुरानी और अनफिट वाहन को इस पॉलिसी के तहत स्क्रैप करवा देता है और फिर वो नयी कार खरीदता है तो हमारी समस्या फिर 10 - 15 साल बाद वहीं हो जाएगी।  यानी हमें डीजल और पेट्रोल के इस्तेमाल वाली वाहनों में कमी लानी होगी।  इसके स्थान पर सीएनजी , एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर देना होगा।  


कोलकाता में इन वाहनों के लिए नहीं है पर्याप्त सुविधा 

पर्यावरणविद् और एक्सपर्ट सौमेंद्र मोहन घोष कहते है , भारत के कई राज्यों में जैसे दिल्ली , मुंबई , गुजरात सहित साउथ इंडिया में सीएनजी , एलपीजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन बनाये गए हैं।  वहां इन वाहनों को इस्तेमाल करने के लिए सुविधा है लेकिन कोलकाता और बंगाल में इस तरह की सुविधा नहीं है। 

 यहाँ सीएनजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन नहीं है जिससे इन वाहनों को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।  ये हमारे लिए बहुत बड़ी समस्या है। प्रदूषण को रोकने के लिए इन वाहनों का इस्तेमाल जरुरी है।  

इन वाहनों के इस्तेमाल से कई फायदों के साथ ये भी फायदा है कि इन वाहनों को ग्रीन टैक्स नहीं देनी पड़ेगी।  


व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी पर एक नजर 

व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी लांच करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉलिसी की कई विशेषताओं से रूबरू करवाया था।  व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी के बारे में बताया गया है कि ये पॉलिसी भारत की मोबिलिटी को, ऑटो सेक्टर को एक नयी पहचान दिलाएगी।  

देश में वेहिकुलर पापुलेशन के मॉडर्नाइजेशन को और अनफिट वाहनों को साइंटिफिक तरीके से सड़कों से हटाने में ये पॉलिसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मोबिलिटी में आधुनिकता आने से ट्रेवल और ट्रांसपोटेशन का बोझ कम होगा, साथ ही आर्थिक विकास में मददगार भी साबित होगी। 

 इस नयी पॉलिसी से एक नए अभियान यानी वेस्ट से वेल्थ यानी कचरा से कंचन (सोना ) बनाना शुरू होगी।  इस पॉलिसी से प्रदूषण में कमी के साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।  


पॉलिसी से मिलने वाले लाभ 

इस पॉलिसी से कई लाभ होंगे। दावा किया जा रहा है कि इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से लाभ मिलेगी।  सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा।  ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नयी गाड़ी खरीदने पर रजिस्ट्रशन के लिए कोई रुपया नहीं देना होगा।  

इसके साथ ही रोड टैक्स में भी छूट दी जाएगी।  दूसरा लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ियों की मेन्टेन्स कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, फ्यूल एफिशिएंसी, इन सब में बचत होगी।  तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है।  

जी हाँ , पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है , जिससे मुक्ति मिलेगी और चौथा हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण के कारण जो प्रभाव पड़ता है , उसमें कमी आएगी।  

1 comment:

  1. Waste to wealth - A compact report on vehicle scrapping policy . Very informative report .

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