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Sunday, August 15, 2021

...तो इस वजह से PM MODI ने किया सैनिक स्कूलों में बेटियों की एंट्री का एलान

  •  स्वतंत्र दिवस पर पीएम मोदी का बेटियों को सौगात 
  • अब हर क्षेत्र में बजेगा लड़कियों का डंका, थल से नभ तक भरेंगी उड़ान 
  • ट्विटर पर पीएम मोदी के फैसले का समर्थन, यूज़र्स ने कहा - ग्रेट डिसिजन, अब केंद्रीय विद्यालय को भी कर दे ओपन टू आल

"देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज मुझे ये साझा करते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि अब हमारी बेटियां भी सैनिक स्कूल में पढ़ सकेंगी।  उन्होंने कहा, मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती है, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। पीएम मोदी बेटियों के निवेदन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बेटियों के निवेदन पर इतना बड़ा फैसला ले लिय।इसके साथ ही पीएम मोदी ने आगे कहा, करीब 2 - ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का एक प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए खोल दिया जायेगा। "

PM NARENDRA MODI (pics from twitter)


NEW DELHI/15 AUGUST : स्वतंत्रता के 75वें साल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कई बड़े एलान किये। उनमें देश की बेटियों को भी सम्मान दिया गया।  इस दौरान देश की बेटियों के लिए पीएम मोदी ने एक बड़ा एलान किया है। 

देश के सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों की भर्ती की अनुमति दे दी गई है , जहां अब तक लड़कियों की नो एंट्री थी। हालाँकि पीएम मोदी ने ये एलान क्यों किया, इसका खुलासा भी खुद पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कर दिया। देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज मुझे ये साझा करते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि अब हमारी बेटियां भी सैनिक स्कूल में पढ़ सकेंगी।  

उन्होंने कहा, मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती है, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। पीएम मोदी बेटियों के निवेदन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बेटियों के निवेदन पर इतना बड़ा फैसला ले लिय।

 इसके साथ ही पीएम मोदी ने आगे कहा, करीब 2 - ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का एक प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए खोल दिया जायेगा।  

बता दें कि टोक्यो ओलंपिक्स में इस बार देश की बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है।  बैंडमिंटन स्टार पीवी सिंधु से लेकर वेटलिफ्टर मीराबाई चानू सहित कई महिलाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है और देश के लिए मेडल भी जीत के लायी हैं।  

flag hosting at Redfort, delhi (pics from twitter)


देश की बेटियों के नाम पीएम मोदी का सम्मान 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हो या ओलिंपिक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं।  आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। 

इस दौरान पीएम मोदी ने ये भी कहा, देश में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लायी गयी है।  इस नयी शिक्षा नीति की विशेष बात ये भी है कि इसमें स्पोर्ट्स को एक्सट्राकररिकुलर की जगह मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। दरअसल, जीवन को प्रभावी बनाने वाले माध्यमों में एक स्पोर्ट्स भी है।  

अगर स्पोर्ट्स को पढ़ाई का मुख्य हिस्सा बनाया जायेगा तो इससे बच्चों में स्पोर्ट्स के प्रति रूचि बढ़ेगी और साथ ही उन्हें अपने जीवन में एक लक्ष्य भी मिलेगा।  इसके अलावा भारत दुनिया के उन देशों में शुमार हो जायेगा जहाँ स्पोर्ट्स को वरीयता दी जाती हैं।  

PICS FROM TWITTER


पीएम मोदी के फैसलों का महिलाओं ने ही नहीं बल्कि पुरुषों ने भी सराहा 

पीएम मोदी के सम्बोधन में बेटियों के लिए जो एलान किया गया, उसे लेकर ट्विटर यूज़र्स पीएम मोदी की सराहना कर रहे हैं। महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी पीएम मोदी के इस कदम को सराहनीय बता रहे हैं।  एक महिला यूजर्स ने कहा , ये बहुत ही अच्छा कदम है।  

इससे ज्यादा से ज्यादा लड़कियां आर्म्ड फाॅर्स ज्वाइन कर पायेगी।  वहीं एक पुरुष यूज़र्स ने कहा, बेटियां हमेशा ही देश का गर्व होती हैं।  बेटियों को सशक्त बनाना यानी देश को सशक्त बनाना है।  तो आइयें हम सब अपनी बेटियों को सपोर्ट करें, उन्हें अच्छी शिक्षा दें , स्पोर्ट्स फैसिलिटी दें और उनकी सफलता का जश्न मनाये।  

वहीं एक और यूज़र्स ने पीएम मोदी के इस फैसले का समर्थन करते हुए अपनी एक मांग और कर डाली है।  उस यूज़र्स ने कहा , अब केंद्रीय विद्यालय को भी सभी के लिए खोल देनी चाहिए। एक और यूज़र्स ने कहा , ये बहुत अच्छा फैसला है।  

इस फैसले को सुनकर मेरी आँखों में आंसू आ गए।  मैं हमेशा से ही एक सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती थी लेकिन मुझे मौका नहीं मिला।  मेरे लिए सैनिक स्कूल का दरवाजा बंद था पर अब बहुत सारी बेटियों का सैनिक स्कूल में पढ़ने का सपना पूरा हो सकेगा।  

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