- कोलकाता और आसपास में करते है मोबाइल चोरी, आमडांगा और धुलागढ़ है deposition point
"मोबाइल चोरी करने का इलाका के साथ ही चोरी गए मोबाइल को डिपोसिट करना और फिर वहां से उसे दूसरे देश में तस्करी करना, सब कुछ एक सिस्टम के तहत होता है। आपको क्या ये पता है, चोरी के बाद आपका मोबाइल कहाँ जाता है ? दरअसल, चोरी के बाद मोबाइल बांग्लादेश पहुँचता है। बांग्लादेश पहुंचने पर वहां के मार्केट में इसे बेचा जाता है। वहां इन चोरी गए मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है क्योंकि वहां इन मोबाइल को ट्रेस करना किसी भी एजेंसी के लिए संभव नहीं होता है। दो दिन पहले ही कोलकाता के जोड़ासांको इलाके से कोलकाता पुलिस की वाच सेक्शन की टीम ने 3 युवकों को गिरफ्तार किया। उनके कब्ज़े से करीब 84 पीस एंड्राइड और कीमती मोबाइल फ़ोन जब्त की गयी, जिसको लेकर उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।"
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seized mobile |
KOLKAT POLICE: मोबाइल चोरों का आतंक हर जगह ही रहता है। मोबाइल चोरी करना चोरों के लिए काफी आसान होता है। मगर आपको पता है , ये मोबाइल चोरी करने वाले भी एक ऑफिस की तरह ही काम करते हैं, जिसमें हर किसी का काम बंटा हुआ रहता है।
मोबाइल चोरी करने का इलाका के साथ ही चोरी गए मोबाइल को डिपोसिट करना और फिर वहां से उसे दूसरे देश में तस्करी करना, सब कुछ एक सिस्टम के तहत होता है। आपको क्या ये पता है, चोरी के बाद आपका मोबाइल कहाँ जाता है ? दरअसल, चोरी के बाद मोबाइल बांग्लादेश पहुँचता है।
बांग्लादेश पहुंचने पर वहां के मार्केट में इसे बेचा जाता है। वहां इन चोरी गए मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है क्योंकि वहां इन मोबाइल को ट्रेस करना किसी भी एजेंसी के लिए संभव नहीं होता है। दो दिन पहले ही कोलकाता के जोड़ासांको इलाके से कोलकाता पुलिस की वाच सेक्शन की टीम ने 3 युवकों को गिरफ्तार किया।
उनके कब्ज़े से करीब 84 पीस एंड्राइड और कीमती मोबाइल फ़ोन जब्त की गयी, जिसको लेकर उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। पुलिस ने बताया , प्राथमिक जांच में पता चला इनका गिरोह बहुत ही सिस्टेमेटिक तरीके से काम करता है। लॉक डाउन में भी इनका धंधा चल रहा है।
इनके एजेंट कोलकाता , मालदा और कालियाचक सहित राज्य के अन्य हिस्से में सक्रिय है और मोबाइल चोरी करते हैं। इसके बाद उन मोबाइल को इनके पास पहुंचाते हैं और फिर वे इन मोबाइल को बांग्लादेश पहुंचाते हैं।
आमडांगा और धुलागढ़ है डिपॉज़िशन प्वॉइंट
पुलिस सूत्रों ने बताया, मोबाइल चोरों पर शिकंजा कसने के लिए मोबाइल रिसीवर तक पहुंचने की कोशिश की गयी जिससे पता चला कितने ऑर्गनाइस तरीके से मोबाइल की चोरी की जाती है। पुलिस के एक सूत्र ने बताया , मोबाइल चोरों ने आतंक मचा रखा था।
इस आतंक को कम करने के लिए मोबाइल चोरों तक ही नहीं मोबाइल रिसीवर तक पहुंचना जरुरी था। इसका कारण ये है कि अगर चोरी गए मोबाइल की डिमांड कम होगी तो मोबाइल चोरी भी कम होगी। मोबाइल रिसीवर तक पहुंचने पर पता चला मोबाइल का डिपॉज़िशन प्वॉइंट।
सूत्र ने बताया ,कोलकाता या आसपास इलाके से मोबाइल चोरी कर ये चोर इन मोबाइल को रिसीवर को देते हैं। अभी बंगाल में धुलागढ़ और उत्तर 24 परगना का आमडांगा चोरी गए मोबाइल का डिपॉज़िशन प्वॉइंट बन गया है। चोरी के मोबाइल यहाँ पहुंचते हैं और फिर यहाँ से दूसरे एजेंट के माध्यम से मोबाइल बांग्लादेश भेज दिए जाते हैं।
बंजारा गैंग मोबाइल चोरी में निभाते हैं सक्रिय भूमिका
पुलिस सूत्रों ने बताया , बंजारा गैंग इलाके में घूम - घूम कर कचरा चुनने की आड़ में मोबाइल और कीमती सामानों की चोरियां करते हैं। उनका मूल टार्गेट मोबाइल होता है और अगर कोई और चीज़ हाथ लग जाती है तो वो उनके लिए लोटरी सामान ही होती है।
बंजारा गैंग में मुख्य तौर पर महिलाएं बच्चे लेकर इलाके में घूमती है और घरों से मोबाइल पर हाथ साफ़ करती है। मगर , देखा गया लॉक डाउन में धंधा मंदा होने पर बंजारा गैंग की महिलाओं के साथ पुरुष भी मोबाइल चोरी करने के लिए निकल पड़े।
भिखारी का वेश बनाकर वो इलाके में घूमते हैं और मौका पाकर मोबाइल और कीमती चीज़ों में हाथ साफ़ कर देते हैं। इन बाजरा गैंग का अस्थायी ठिकाना अभी खड़गपुर का गिरी मैदान इलाका है।
वो रोजाना खड़गपुर से कोलकाता का सफर करते हैं और रास्ते में अपना काम भी करते रहते हैं। कई बार कोलकाता पुलिस इन गैंग को पकड़ चुकी हैं लेकिन जेल से छूटने के बाद फिर वे इसी काम में लग जाते हैं।
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