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Tuesday, August 10, 2021

सड़क के गड्ढे बने 'विलन', 2020 में घटी 3564 दुर्घटनाएं

 "अन्य राज्यों के साथ ही बंगाल में भी सड़कों का हाल खस्ता है।  यहां भी सड़कों पर गड्ढे बने हुए है। हालांकि, इन गड्ढों के कारण अधिकतर दुर्घटना घटती है और लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं।  इसलिए इन गड्ढे को परलोक का रास्ता कहना कुछ गलत न होगा। हमारे देश में भी रोजाना इन गड्ढों के कारण दुर्घटना घटती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में पूरे देश में गड्ढे के कारण 3564 दुर्घटनाएं घटी है।  दरअसल, मंत्रालय सूत्रों से मिली आंकड़ें के अनुसार वर्ष 2016 में गड्ढों से सबसे ज्यादा दुर्घटना यानी 6424 दुर्घटनाएं घटी थी।  वहीं वर्ष 2017 में इन दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ और गड्ढों की वजह से  9423 दुर्घटनाएं घटी। "

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ROAD ACCIDENT REPORT : हमारे देश में सड़कों से ज्यादा सड़कों पर गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों के कारण वाहन चालकों को अपनी जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ता है। अब तो अधिकतर राज्यों में भरी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति है।  

ऐसे में सड़कों की हालत भी काफी जर्जर हो चुकी हैं। अन्य राज्यों के साथ ही बंगाल में भी सड़कों का हाल खस्ता है।  यहां भी सड़कों पर गड्ढे बने हुए है। हालांकि, इन गड्ढों के कारण अधिकतर दुर्घटना घटती है और लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। 

 इसलिए इन गड्ढे को परलोक का रास्ता कहना कुछ गलत न होगा। हमारे देश में भी रोजाना इन गड्ढों के कारण दुर्घटना घटती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में पूरे देश में गड्ढे के कारण 3564 दुर्घटनाएं घटी है।  

दरअसल, मंत्रालय सूत्रों से मिली आंकड़ें के अनुसार वर्ष 2016 में गड्ढों से सबसे ज्यादा दुर्घटना यानी 6424 दुर्घटनाएं घटी थी।  वहीं वर्ष 2017 में इन दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ और गड्ढों की वजह से  9423 दुर्घटनाएं घटी।  वर्ष 2018 में गड्ढों की वजह से 4869 जबकि 2019 में 4775 दुर्घटनाएं घटी थी।  2020 में प्रयासों के कारण गड्ढों से होनी वाली दुर्घटनाओं में कमी देखी गयी।  


कई और कारण भी हैं सड़क दुर्घटना के 

मंत्रालय सूत्रों ने बताया, सड़क दुर्घटनाएं कई और कारणों से भी घटती हैं जैसे ऑटोमोबाइल की डिज़ाइन, वाहन की तेज रफ़्तार, वाहन चलाते समय मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करना, शराब और नशीली पदार्थों का सेवन कर नशे में गाड़ी चलाना, वाहन को ओवरलोड करना, वाहनों की ख़राब यंत्रों के कारण, कम रोशनी के कारण, सिग्नल न मानकर यानी लाल बत्ती में गाड़ी चलाना,

 ओवरटेक करना, मौसम की स्थिति, चालक की गलती, गलत साइड से गाड़ी चलाना, सड़कों की जर्जर स्थिति होना, वाहन की स्थिति ख़राब होना और पैदल यात्रियों का सड़क के बीच से चलना आदि शामिल है। इन कारणों से ही सड़क दुर्घटनाएं घटती है।  


दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रालय उठा रहा है कदम 

मंत्रालय सूत्रों ने बताया, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए मंत्रालय की तरफ से कई कदम उठाये जा रहे हैं। इनमें शिक्षा, वाहनों और सड़कों की इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट और इमरजेंसी केयर के तहत कई रणनीति बनाई गयी है।  

मंत्रालय सूत्रों ने बताया, शिक्षा के तहत लोगों को सड़क दुर्घटना को लेकर सचेत और जागरूक किया जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए प्रति वर्ष रोड सेफ्टी वीक का आयोजन किया जाता है।  इतना ही नहीं जागरूकता के लिहाज से इंडियन अकादमी ऑफ़ हायर इंजिनियर्स में रोड सेफ्टी ऑडिटर्स को लेकर एक सर्टिफिकेट कोर्स की भी शुरुआत की गयी है।  

वाहनों और सड़कों की इंजीनियरिंग : इसके तहत नेशनल हाईवे पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित स्थानों) को चिन्हित करने और सुधारने को उच्च प्राथमिकता दी गई है।  सड़क सुरक्षा को योजना स्तर पर सड़क डिज़ाइन का एक अभिन्न अंग बनाया गया है।

 मंत्रालय की तरफ से ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारियों को तकनीकी का इस्तेमाल करने की सभी पावर दे दी है।  नेशनल हाईवे पर दिव्यांगों के चलने को लेकर सभी दिशा - निर्देश प्रत्येक राज्यों को दे दिए गए हैं। 

 वहीं वाहनों पर भी ध्यान दिया गया है।  ऑटोमोबाइल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स में सुधार किया गया है जैसे एयर बैग, एंटी ब्रेक सिस्टम , टायर्स और क्रैश टेस्ट सहित अन्य चीज़ों पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने सभी वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है।  

आटोमेटिक सिस्टम के तहत वाहनों  की जांच के लिए केंद्रीय सरकार की मदद से प्रत्येक राज्यों को एक आदर्श निरिक्षण और प्रमाणीकरण केंद्र की स्कीम चालू करने को कहा गया है।  

एनफोर्समेंट : हाल ही में मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट ) एक्ट 2019 लागू किया गया है जिसके तहत तकनीकी के इस्तेमाल में कठोर एनफोर्समेंट लागू करने का प्रावधान किया गया है।  गुड समरीटेन्स की सुरक्षा के लिए दिशा - निर्देश दिए गए हैं और मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट ) एक्ट 2019  के तहत एक मसौदा नियम प्रकाशित किया गया है।  

इमरजेंसी केयर : मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट ) एक्ट 2019 के तहत गोल्डन ऑवर में दुर्घटना पीड़ित का मुफ्त में इलाज करने की स्कीम बनायी गयी है।  इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा के निकट एम्बुलेंस की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।  297 एम्बुलेंस को आधुनिक यंत्रों और लाइफ सपोर्ट से युक्त बनाया गया है।  


2018 की तुलना में 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में आयी है कमी 

मंत्रालय सूत्रों से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है।  वर्ष 2018 में 4 ,67 ,041  दुर्घटना घटी थी जबकि 2019 में 4 ,49 ,002  दुर्घटनाएं घटी।  इन दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा दुर्घटना वाहनों की तेज रफ़्तार के कारण घटी है।  

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