- ऐसे मौसम से अभी नहीं मिलेगा छुटकारा, गर्मी से रहना पड़ेगा परेशान
- बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद फिर आ सकता है cyclone
"पिछले कुछ दिनों से बंगाल सहित कोलकाता के मौसम का यही हाल है। बारिश कब शुरू होगी , लोगों को पता नहीं रहता है। घर से निकलने पर मौसम ठीक रहता है लेकिन फिर अचानक मौसम बदल जाता है और अचानक ही बारिश शुरू हो जाती है। क्या ये मानसून के कारण बारिश है ? इस बारे में climatologist और geographer से जानते है क्या है असली वजह और क्यों हो रहा है ऐसा ? एक जानी - मानी climatologist और geographer Dr. Nairwita Bandhyopadhyay ने बताया , जिस तरह से बारिश हो रही है वो मानसून का पैटर्न नहीं है। ऐसी स्थिति पहली बार ही देखी जा रही है। तेज गर्मी के कारण निम्न चाप की स्थिति बन रही है और बारिश हो रही है। "
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cloudy sky before rain |
कोलकाता : कोलकाता ही नहीं पूरे बंगाल में इन दिनों रूक - रूक कर बारिश हो रही हैं। सुबह मौसम गर्मी वाला होता है। तेज धूप भी निकलती है लेकिन फिर थोड़ी देर बाद अचानक जोर से बारिश शुरू हो जाती है। कुछ मिंटो की ही बारिश होती है लेकिन बारिश खत्म होते ही उमस भरी गर्मी शुरू हो जाती है।
जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए। बारिश को खुलकर होना चाहिए या तो बिलकुल ही नहीं होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से बंगाल सहित कोलकाता के मौसम का यही हाल है। बारिश कब शुरू होगी , लोगों को पता नहीं रहता है। घर से निकलने पर मौसम ठीक रहता है लेकिन फिर अचानक मौसम बदल जाता है और अचानक ही बारिश शुरू हो जाती है।
क्या ये मानसून के कारण बारिश है ? इस बारे में climatologist और geographer से जानते है क्या है असली वजह और क्यों हो रहा है ऐसा ? एक जानी - मानी climatologist और geographer Dr. Nairwita Bandhyopadhyay ने बताया , जिस तरह से बारिश हो रही है वो मानसून का पैटर्न नहीं है।
ऐसी स्थिति पहली बार ही देखी जा रही है। तेज गर्मी के कारण micro low pressure की स्थिति बन रही है और बारिश हो रही है। हालाँकि इस स्थिति से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
दरअसल, यहाँ देखा जा रहा है कि समुद्र से आने वाली हवाओं से नहीं बल्कि स्थानीय गर्म हवाओं से ही बारिश हो रही है। इसके पीछे की वजह है ocean surface के तापमान के साथ earth surface के तापमान में अंतर नहीं होना।
ocean surface का भी तापमान आजकल ज्यादा हो रहा है जिससे हवा जमीन तक नहीं आ रही है। जमीन का तापमान खुद ही बहुत ज्यादा है। जब गर्म हवा ऊपर उठती है तो नीचे वैक्यूम हो जाता है और उस खाली जगह को भरने के लिए आसपास की ठंडी हवाएं उस और आती है पर अभी ऐसा नहीं हो रहा है।
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rain at behala |
इस वजह से हो रही हैं non continous बारिश
Dr. Nairwita Bandhyopadhyay ने आगे बताया, उच्च तापमान के कारण बादल बन रहे हैं और जब बादल भारी हो जा रहे हैं तब वो तुरंत बरस जा रहे हैं। मगर ये कुछ देर तक ही बरस पा रहे है। इसका कारण है बादल का saturation पॉइंट तक नहीं पहुंच पाना।
दरअसल, बादल जब saturation पॉइंट तक नहीं पहुँच पाटा है तो बादल फ़ैल जाता है और उसमें और ज्यादा वाष्प लेने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे बारिश भी रूक - रूक कर होती है। उन्होंने ये भी बताया , रूक - रूक कर बारिश होने के पीछे स्थानीय कारण भी है जैसे तापमान।
तापमान बढ़ने से बारिश की मात्रा भी बढ़ रही है लेकिन बारिश के बाद फिर उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि, शीतकाल में इस तरह से बारिश नहीं होगी।
हरियाली ज्यादा होने से होती है ज्यादा बारिश
उन्होंने ये भी बताया , बारिश होने के पीछे ज्यादा हरियाली भी एक कारण है। जहाँ ज्यादा हरियाली होती है वहां ज्यादा बारिश होती है। कहीं पर ज्यादा बारिश होने पर वहां पानी भर जाता है तो कहीं पर सिर्फ सूखा रह जाता है।
इस बारे में पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने बताया, सस्पेंडेड सॉलिड फाइन पार्टिकल्स और लिक्विड ड्रॉप्लेट्स मिलकर एयरोसोल बनाते हैं और उससे बारिश होती है।
मगर बारिश हर जगह समान नहीं होती है। अक्सर देखा जाता है कि एक स्थान पर बारिश होती है और दूसरे स्थान पर सूखा रहता है इसके पीछे भी एयरोसोल होता है।
एयरोसोल के कारण पॉकेट रेन (यानी छिटपुट और अलग-लग जगह में बारिश)होती है। दरअसल, अधिक जलवाष्प तरल बूंदों के रूप में धूल तथा उच्च तापमान के सम्पर्क में आकर कई बार कम अवधि में आकस्मिक वर्षा कराती है।
उनका ये भी कहना है मानव ने जिस तरह से पर्यावरण से खिलवाड़ किया है उसका असर हम सबको देखने को मिल रहा है। कोलकाता में प्लास्टिक की बढ़ती संख्या , सीवेरज का ख़राब होना, तालाबों का भरना और कंस्ट्रक्शन , इसके कारण कोलकाता हीट आइलैंड में तब्दील होता जा रहा है।
वायु प्रदूषण को भी इस तरह से बारिश होने का एक कारण कहा जा सकता है। वहीं Dr Nairwita Bandhyopadhyay भी मानती है कि वायु प्रदूषण के कारण भी मौसम में बदलाव देखा जाता है लेकिन अभी जो स्थिति है उसमें सबसे बड़ा कारण तापमान में बढ़ोतरी है।
फिर से बंगाल में cyclone आने की संभावना
Dr Nairwita Bandhyopadhyay बताती है , सिर्फ यहाँ ही नहीं पूरे विश्व में क्लाइमेट चेंज हो रहा है। यूरोप और अमेरिका जैसे देश भी इससे अछूते नहीं हैं। वर्ल्ड मेटेरिओलॉजिकल आर्गेनाईजेशन ने पिछले साल को 10 सालों में सबसे गर्म साल बताया था। मगर उसके बाद से ही तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ocean surface temperature लगातार बढ़ रहा है। समुद्र के किनारे भी अब तापमान कम नहीं होता है। जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है उससे cyclone आने की संभावना भी बढ़ रही है। दरअसल, cyclone के लिए जिन परिस्थितियों की जरुरत होती है वो सभी परिस्थितियां बनती दिख रही हैं।
cyclone के लिए पश्चिमी हवाएं जिम्मेदार होती है जो इस वक़्त काफी स्ट्रांग दिख रही है। पृथ्वी में तापमान बढ़ने से कूलिंग इफ़ेक्ट भी कम हो रहा है जिससे संभावना जताई जा रही है कि दुर्गा पूजा के बाद फिर से बंगाल में cyclone आ सकता है। बता दें कि कुछ महीने पहले ही यास तूफ़ान ने बंगाल में जमकर तबाही मचाई थी।
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