- खोड़ा बादशा का motive हुआ क्लियर, मिली उम्रकैद
- ओड़िशा के बाद देश में बंगाल है इस मामले में आगे
"इससे पहले ओड़िशा में हूच ट्रेजेडी में आरोपी को सजा मिली थी। इस मामले के जांच अधिकारी सिमुल सरकार मामले के दौरान सीआईडी में इकनोमिक ऑफेन्स विंग्स के अधिकारी थे , वर्तमान में वो स्टेट आईबी में तैनात है। इस मामले में सिमुल सरकार का कहना है , 10 साल कस्टडी ट्रायल के बाद सोमवार को खोड़ा बादशा को उम्र कैद की सजा मिली है। ये मामला इसलिए ख़ास है क्योंकि हूच ट्रेजेडी में आरोपी का मकसद साबित करना बेहद मुश्किल होता है। मगर, इस मामले में हमने काफी मेहनत की और खोड़ा बादशा के मकसद को साबित किया।"
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BENGAL : बंगाल का बहुत चर्चित मोगराहाट जहरीली शराबकांड में 10 साल बाद सीआईडी को ऐसी सफलता मिली जिससे उसने बंगाल में हूच ट्रेजेडी के मामले में इतिहास रच दिया। 10 साल बाद सीआईडी ने मोगराहाट जहरीली शराबकांड के मुख्य आरोपी खोड़ा बादशा उर्फ़ नूर इस्लाम को उस्ती थाने में दर्ज मामले में सजा दिलाकर एक मिसाल कायम की।
दरअसल , जहरीली शराब पीने से हुई मौत को लेकर मोगराहाट , उस्ती सहित तीन थानों में मामला दर्ज किया गया था। सोमवार को उस्ती थाने में दर्ज मामले में भी खोदा बादशा को सजा मिली।
पूरे देश में हूच ट्रेजेडी में सजा मिलने का यह दूसरा ऐसा मामला है। इससे पहले ओड़िशा में हूच ट्रेजेडी में आरोपी को सजा मिली थी। इस मामले के जांच अधिकारी सिमुल सरकार मामले के दौरान सीआईडी में इकनोमिक ऑफेन्स विंग्स के अधिकारी थे , वर्तमान में वो स्टेट आईबी में तैनात है।
इस मामले में सिमुल सरकार का कहना है , 10 साल कस्टडी ट्रायल के बाद सोमवार को खोड़ा बादशा को उम्र कैद की सजा मिली है। ये मामला इसलिए ख़ास है क्योंकि हूच ट्रेजेडी में आरोपी का मकसद साबित करना बेहद मुश्किल होता है। मगर, इस मामले में हमने काफी मेहनत की और खोड़ा बादशा के मकसद को साबित किया।
खोड़ा बादशा ने अपने शराब की भट्टी तोड़े जाने को लेकर ग्रामवासियों को धमकाया था और जान से मरने की धमकी दी थी। उसने सिर्फ धमकी नहीं दी थी बल्कि उसने जानबूझ कर शराब में जहर मिलाया था और जिसे पीने के बाद 172 लोगों की मौत हो गई थी।
खोड़ा बादशा के मकसद को साबित किया गया और इसके बाद ही सोमवार को आख़िरकार अलीपुर कोर्ट ने उसे सजा सुनाई। खोड़ा बादशा को आईपीसी की धारा 304 (पार्ट 1 ) यानी गैर इरादतन हत्या , 273 ( जहरीली शराब बेचना ), 328 (जहरीला भोजन ) और 326 (गंभीर रूप से पीटना ) के तहत उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में खोड़ा बादशा की पत्नी सहित 6 को पहले ही बेकसूर करार दे दिया गया है।
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from CID facebook |
मोगराहाट जहरीला शराबकांड इसलिए था काफी चर्चित
2011 के दिसम्बर महीने में यानी टीएमसी सरकार के आने के कुछ महीने बाद ही कोलकाता से सटे साउथ 24 परगना जिले के अंतर्गत मोगराहाट थानांतर्गत संग्रामपुर सहित अन्य दो थाने इलाके में जहरीली शराब पीकर 172 लोगों की मौत हो गई थी।
ये मामला इसलिए इतना चर्चा में आया था क्योंकि उसी वर्ष ममता बनर्जी ने वाममोर्चा के 34 सालों का शासन समाप्त किया था और बंगाल की मुख्यमंत्री बनी थीं। इस घटना परउन्हें विपक्षियों ने जमकर घेरा था। ममता बनर्जी ने जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को 2 - 2 लाख रुपया मुआवजा की घोषणा की थी जिसकी सभी ने निंदा भी की थी।
खैर , मामला बेहद गर्म था और मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए जाँच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपी गई थी। इस मामले में खोड़ा बादशा सहित कई को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2018 में 4 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। हालाँकि , गिरफ़्तारी के बाद से ही खोड़ा बादशा जेल हिरासत में ही था। उसे कभी जमानत नहीं मिली।
नूर इस्लाम इस वजह से खोड़ा बादशा के नाम से था प्रसिद्ध
नूर इस्लाम खोड़ा बादशा क्यों कहलाता है , अक्सर लोगों के मन में ये सवाल होता है। दरअसल , नूर इस्लाम ठीक से चल नहीं पाता है। वो लंगड़ाकर और बैसाखी के सहारे चलता है , इसलिए उसका नाम खोड़ा यानी लंगड़ा पड़ा था।
वो देसी शराब का ठेका चलाने के मामले में सबसे आगे था। उसका संग्रामपुर और आसपास के इलाके में देसी शराब का ठेका था जिसकी वजह से वो बादशा कहलाता था।
इस वजह से उसका पूरा नाम खोड़ा बादशा पड़ा था। खोड़ा बादशा को लेकर अभी भी मोगरहाट के लोगों में गुस्सा भरा हैं। वो सभी खोड़ा बादशा के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।
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