- अब न धूल लगने की झंझट और न घंटों सामान खोजने की दिक्कत
- कोलकाता पुलिस के सीपी का है पूरा आईडिया, कुछ महीने पहले ही सीपी ने करवाई थी एक प्रतियोगिता
"कोलकाता पुलिस में थानों के कायापलट के साथ ही मालखाना की हालत भी पहले से सुधर गई है। पहले जहां धूल और मकड़ी के जाले मालखाना की शोभा बढ़ाते थे अभी उसी मालखाना ने सभी का ध्यान आकर्षित कर लिया है। इनके पीछे कोलकाता पुलिस के सीपी सौमेन मित्रा का ही हाथ है। सौमेन मित्रा कोलकाता पुलिस की छवि को और चमकाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं जिनमें एक सभी थानों और डिवीज़न के मालखाना की हालत सुधारना भी शामिल है। कुछ दिन महीने पहले ही मालखाना को सजाकर रखने को लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें कोलकाता पुलिस के साउथ डिवीज़न के अलीपुर थाने को पहला पुरस्कार मिला था। हालांकि, इसके पीछे कोलकाता पुलिस के पुलिस कमिश्नर सौमेन मित्रा का ही आईडिया था। इतना ही नहीं सौमेन मित्रा सिर्फ इतने तक ही सिमित नहीं रहे थे उन्होंने मालखाना को e -malkhana यानी मालखाना को डिजिटल रूप देने को लेकर निर्देश दिया था। "
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LEFT SIDE OLD PIC, RIGHT SIDE NEW PIC OF MALKHANA |
KOLKATA: दुनिया अभी पूरी डिजिटल होती जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के कारण लेन-देन काफी आसान हो गया है। एक क्लिक में ही पेमेंट होता है और एक क्लिक में रिसीप्ट होता है। आजकल पढाई भी डिजिटल माध्यम से ही होने लगी है यानी ऑनलाइन क्लासेज।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है , डिजिटल होगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया। डिजिटल दुनिया में कोलकाता पुलिस भी पीछे रहने वालों से नहीं।
कोलकाता पुलिस हमेशा से ही नयी तकनीकी को अपनाने में पीछे नहीं रही है। कोलकाता पुलिस में थानों के कायापलट के साथ ही मालखाना की हालत भी पहले से सुधर गई है।
पहले जहां धूल और मकड़ी के जाले मालखाना की शोभा बढ़ाते थे अभी उसी मालखाना ने सभी का ध्यान आकर्षित कर लिया है। इनके पीछे कोलकाता पुलिस के सीपी सौमेन मित्रा का ही हाथ है।
सौमेन मित्रा कोलकाता पुलिस की छवि को और चमकाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं जिनमें एक सभी थानों और डिवीज़न के मालखाना की हालत सुधारना भी शामिल है।
कुछ दिन महीने पहले ही मालखाना को सजाकर रखने को लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें कोलकाता पुलिस के साउथ डिवीज़न के अलीपुर थाने को पहला पुरस्कार मिला था।
हालांकि, इसके पीछे कोलकाता पुलिस के पुलिस कमिश्नर सौमेन मित्रा का ही आईडिया था। इतना ही नहीं सौमेन मित्रा सिर्फ इतने तक ही सिमित नहीं रहे थे .
उन्होंने मालखाना को e -malkhana यानी मालखाना को डिजिटल रूप देने को लेकर निर्देश दिया था। इसके बाद ही सभी थानों और डिवीज़न ने इस निर्देश पर काम शुरू कर दिया था।
इसी क्रम में कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डीडी के मालखाना को भी नए कलेवर के साथ ही डिजिटल रूप दिया गया। सेंट्रल डीडी का मालखाना अब पूरे पूर्वी भारत का पहला डिजिटल मालखाना बन गया है।
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THIS MALKHANA INAUGURATE BY CP SAUMEN MITRA |
ऐसे करेगा अब डिजिटल मालखाना काम
कोलकाता पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने e -malkhana को लेकर जानकारी देते हुए बताया, कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डीडी को पूरी तरह से digitalised कर दिया गया है। मालखाना में मौजूद प्रत्येक आइटम में बार कोड लगाया गया है।
इसके साथ ही जब्त किये गए सामानों के पूरे भंडार को e -malkhaana नाम के सॉफ्टवेयर के जरिये देखा जा सकता है। ये पूर्वी भारत का पहला पूरी तरह से डिजिटल मालखाना है। उन्होंने बताया , इसके साथ ही पूरे मालखाना का ही कायापलट कर दिया गया है।
वहीं सूत्र बताते है कि मालखाना हर थाने का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मालखाना में मामले से सम्बंधित चीजें जिनमें सोने -हीरे जैसे कीमती चीजों के साथ ही हर सामान जो मामले से जुड़ी हुई होती है वो रखा जाता है।
यहां सामानों के अलावा मामले से जुड़े दस्तावेज भी रखे जाते हैं। मामले चलने तक यानी सालों - सालों से चलने वाले मामलों में भी जब्त सामान यहां पड़े - पड़े धूल खाते थे।
मगर मालखाना का कायापलट और e -malkhana होने से पूरे मालखाना की सूरत ही बदल गई है। अब e -mallkhana से किसी चीज़ों को ढूंढने के लिए घंटों समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा और सामानों में धूल भी नहीं जमेगी।
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THAT'S GOLDEN DEER |
मालखानों में 1940 में जब्त पिस्टल्स भी है जिसे पुलिस म्यूजियम में रखा गया
पुलिस सूत्रों ने बताया , मालखाना की सफाई के वक़्त कुछ ऐसे भी सामान मिले जो काफी पुराने हैं। इनमें आजाद भारत से पहले यानी ब्रिटिश के काल में वर्ष 1940 के एक मामले में जब्त कुछ पिस्तौल मिली।
उन पिस्तौल को अभी पुलिस म्यूजियम में रखा गया है, क्योंकि ये पिस्तौल अब एंटीक हो गए हैं और वो आजादी के पहले के भारत के पिस्तौल है जिन्हें संभाल कर म्यूजियम में रखा गया है.
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DECORATED OR E-MALKHANA |
ताकि आम जनता भी इसे देख सके और अपने इतिहास को जान सके। वहीं एक सोने का हिरण भी इस मालखाना की शोभा बढ़ा रहा है जिसे 90 के दशक में कोलकाता पुलिस के डीडी कि बर्गलरी शाखा ने एक मामले में जब्त किया था। हालांकि इसे इसी मालखाना में रखा गया है क्योंकि मामला अभी भी लंबित है।
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