- शमशेरगंज और जंगीपुर में भी होगी इस बार वोटिंग
- 30 सितंबर को होगी वोटिंग, 3 अक्टूबर को काउंटिंग
"शनिवार को चुनाव आयोग ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और बंगाल के दो अन्य विधानसभा सीट पर चुनाव की तिथि घोषित कर दी है। हालांकि बंगाल में भवानीपुर के अलावा भी गोसाबा, खरदह, शांतिपुर और दिनहाटा सहित 5 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था लेकिन उसकी घोषणा नहीं की गई। मगर ऐसा क्यों किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने असली वजह भी बताई है। पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया, 30 सितंबर को वोटिंग होगी और 3 अक्टूबर को काउंटिंग होगी।"
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Notification of election commission |
West Bengal: आखिरकार भवानीपुर सीट पर उपचुनाव को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। कोरोना के कारण वोटिंग की तारीख तय नहीं हो पा रही थी और टीएमसी की मुश्किलें भी बढ़ रही थी।
अब दुर्गापूजा से पहले ही वोटिंग होने वाली है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राह भी आसान हो गई हैं l शनिवार को चुनाव आयोग ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और बंगाल के दो अन्य विधानसभा सीट पर चुनाव की तिथि घोषित कर दी है।
हालांकि बंगाल में भवानीपुर के अलावा भी गोसाबा, खरदह, शांतिपुर और दिनहाटा सहित 5 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था लेकिन उसकी घोषणा नहीं की गई। मगर ऐसा क्यों किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने असली वजह भी बताई है।
पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया, 30 सितंबर को वोटिंग होगी और 3 अक्टूबर को काउंटिंग होगी।
भवानीपुर को लेकर चुनाव आयोग ने इस वजह से लिया फैसला
जानकारी के मुताबिक इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी भी सीट से जीत हासिल नहीं कर पाई लेकिन फिर भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। संविधान के अनुसार राज्य का कोई मंत्री 6 महीने के भीतर वोट नहीं जीतता है तो वहां संवैधानिक संकट पैदा हो जाती है।
ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर से विजयी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया। अब इस सीट से उपचुनाव जीतकर ही ममता बनर्जी सही मायने में बंगाल की मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठने की हकदार होंगी।
समय बीत रहा था, इस बाबत राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से भवानीपुर सीट पर उपचुनाव करवाने के लिए अनुरोध किया था। चुनाव आयोग ने विज्ञप्ति में बताया, " राज्य के मुख्य सचिव ने कहा है राज्य में कोरोना अभी नियंत्रण में है।
बाढ़ की परिस्थिति से निपटने के लिए राज्य तैयार है। उन्होंने ये भी बताया संविधान के आर्टिकल 164(4) के अनुसार, एक मंत्री जो लगातार 6 महीने की अवधि के लिए राज्य की विधायिका का सदस्य नहीं है, उस अवधि के समाप्त होने पर वो मंत्री भी नहीं रहेंगे।
चुनाव तक सरकार में शीर्ष कार्यकारी पदों पर संवैधानिक संकट और रिक्त स्थान होगा। उन्होंने ये भी सूचित किया है कि प्रशासनिक अत्यावश्यकताओं और जनहित को देखते हुए और राज्य को खालीपन से बचाने के लिए, भवानीपुर सीट पर उपचुनाव करवाना जरूरी है।
इस सीट से ममता बनर्जी ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। " चुनाव आयोग ने बताया, राज्य के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के इनपुट और विचारों को ध्यान में रखते हुए भवानीपुर में उपचुनाव करवाने का फैसला लिया गया।
बता दें कि भवानीपुर सीट से दो बार ममता बनर्जी चुनाव जीत चुकी है। 2011 में इसी सीट से ममता बनर्जी ने चुनाव जीता था और वाममोर्चा के लंबे शासन काल को समाप्त कर दिया था।
इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सेनापति रह चुके शुभेंदु अधिकारी, जिन्होंने टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया, उन्हें हराने के लिए भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम सीट से चुनाव में खड़ी हुई थी। मगर, नंदीग्राम से ममता बनर्जी हार गई। इसके बाद ही उन्हें 6 महीने के भीतर किसी न किसी सीट से फिर से उपचुनाव जितना जरूरी था।
इन दो सीटों पर होगी इस बार वोटिंग
इतने महीने बाद यानी बंगाल चुनाव 2021 के बाद बंगाल विधानसभा की दो सीटों पर वोटिंग होनी वाली है। भवानीपुर के अलावा चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और जंगीपुर सीट पर वोटिंग की भी घोषणा की है।
दरअसल, इन दो सीटों पर चुनाव से पहले ही कैंडिडेट्स की मौत हो गई थी जिसके बाद वहां चुनाव आयोग ने वोटिंग स्थगित कर दी थी। इसके बाद इतने दिनों तक कोरोना की वजह से वहां चुनाव नहीं हो पाई। अब 30 सितंबर को ही यहां भी चुनाव होना है।
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