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Monday, September 27, 2021

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान राज : अब saloons पर गिरी गाज, रोजी - रोटी के पड़े लाले

  • ना शेव करें और ना ही काटे दाढ़ी का दिया फरमान, व्यवसाय चौपट 

"महिलाओं के कामकाज को लेकर भी तालिबान ने आपत्ति जताई है। महिलाओं के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में हज्जामों की स्थिति बदतर हो गई है।  तालिबान के कब्ज़े के बाद अब तालिबान ने हज्जामों के नाम फरमान जारी कर दिया है।  इस फरमान के मुताबिक, हज्जामों को निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी नागरिक का शेव ना करें और ना ही दाढ़ी काटे।  इस फरमान के बाद हज्जामों के सामने रोजी - रोटी के लाले पड़ रहे हैं। दरअसल, तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रान्त के हज्जामों को निर्देश दिया है।  अगर कोई भी हज्जाम इसकी अवहेलना करते हैं तो उसके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी और उसे सजा दिया जाएगा।  तालिबान में सजा का मतलब सिर्फ मौत होता है ।  तालिबान के इन निर्देश के बाद ये समझा जा रहा है कि तालिबान 2 किसी तरह से तालिबान 1 से अलग नहीं हैं।  तालिबान ने दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद कहा था कि इस बार इनका शासन अलग होगा। किसी से वे बदला नहीं लेंगे। "


pics for representation only (social media)



Taliban in Afghanistan : अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफ़ग़ानिस्तान में रहने वाले लोग डर के साये में जीने को बाध्य हो गए हैं।  कईयों ने देश छोड़ने की कोशिश की लेकिन कामियाबी कुछ को ही मिली है।  तालिबान के आने से देश की महिलाओं की स्थिति तो बदतर हो गई है। 


उनकी शिक्षा का भी अधिकार छीन लिया गया है। अगर शिक्षा लेनी है तो उन्हें बुर्के में स्कूल जाना होगा। महिलाओं के कामकाज को लेकर भी तालिबान ने आपत्ति जताई है। महिलाओं के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में हज्जामों की स्थिति बदतर हो गई है।  


तालिबान के कब्ज़े के बाद अब तालिबान ने हज्जामों के नाम फरमान जारी कर दिया है।  इस फरमान के मुताबिक, हज्जामों को निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी नागरिक का शेव ना करें और ना ही दाढ़ी काटे।  इस फरमान के बाद हज्जामों के सामने रोजी - रोटी के लाले पड़ रहे हैं। 


दरअसल, तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रान्त के हज्जामों को निर्देश दिया है।  अगर कोई भी हज्जाम इसकी अवहेलना करते हैं तो उसके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी और उसे सजा दिया जाएगा।  तालिबान में सजा का मतलब सिर्फ मौत होता है । 

 

तालिबान के इन निर्देश के बाद ये समझा जा रहा है कि तालिबान 2 किसी तरह से तालिबान 1 से अलग नहीं हैं।  तालिबान ने दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद कहा था कि इस बार इनका शासन अलग होगा। किसी से वे बदला नहीं लेंगे। 


वे अपने दुश्मनों को भी माफ़ कर देंगे और महिलाओं के लिए भी कानून बनाये जाएंगे, मगर तालिबान ने सत्ता पर आने के बाद ही अपना रंग दिखाने शुरू कर दिया है।  तालिबान का खौफनाक चेहरा कुछ दिन पहले ही देखने को मिला जब तालिबान के लड़ाकों ने चार लाशों को बीच चौराहे पर टांग दिया था। इसके बाद से ही लोगों में आतंक और ज्यादा व्याप्त हो गई है।  


सभी हज्जामों को मिल रही हैं धमकियां 

तालिबान के अनुसार इस्लाम में शेव करना और दाढ़ी काटना इस्लाम का अपमान है।  इस बाबत उन्होंने सत्ता की बागडोर सँभालने के बाद ही हज्जामों को निर्देश देना शुरू कर दिया है।  तालिबान के निर्देश के बाद शहर के सभी बड़े से लेकर छोटे सलून दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है।  


दुकान मालिकों के साथ ही हज्जामों के सामने बड़ी समस्या सामने आकर खड़ी हो गई है।  वर्षों से हज्जाम का काम करने वाले अब अचानक अपने काम छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। तालिबानों ने सलून के बाहर नोटिस चिपका दिया है। 

 

इसके अलावा दुकानों पर पहुंचकर तालिबान के अफसर धमकियाँ दे रहे तो कोई फोन पर ही शेव और दाढ़ी नहीं काटने का फरमान जारी कर रह है।  कुछ हज्जामों का कहना है उन्हें नोटिस मिली है तो कुछ का कहना है उन्हें नोटिस नहीं मिली है लेकिन उन्होंने सुनकर ही शेव करना और दाढ़ी काटना बंद कर दिया है।  


कई हज्जाम दबे जुबान से ही तालिबान के इस फरमान को अन्याय करार दे रहे हैं और कुछ ने तो फरमान मिलने के बाद से ही शेव और दाढ़ी काटना बंद कर दिया है।  हालाँकि, हज्जामों का कहना है कि तालिबान के कारण यहाँ के नागरिक भी खुद शेव और दाढ़ी कटवाने से बच रहे हैं क्योंकि रास्ते में ही तालिबान के लड़ाके घूम रहे हैं।  शेव और दाढ़ी कटवाकर कोई भी तालिबान के निशाने पर नहीं आना चाहते हैं।  खैर, तालिबान के फरमान से हज्जामों का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया है।  


तालिबान को नफरत है आकर्षित हेयर स्टाइल से 

जानकारों की माने तो 1996  से 2001  के बीच जब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा जमाया था तब उन्हें आकर्षित करने वाले हेयर स्टाइल से नफरत थी।  इसलिए उन्होंने फरमान जारी कर दिया था कि कोई भी आकर्षित करने वाले हेयर स्टाइल न बनाये और न ही दाढ़ी काटे।  


तालिबान ने दाढ़ी बढ़ाने पर जोर दिया था।  मगर उसके बाद जब तालिबान का राज ख़त्म हुआ तब फिर से अफ़ग़ानिस्तान के नागरिक नए - नए हेयर स्टाइल करने लगे।  शहर में कई बड़े - बड़े सलून भी खोले गए और लोग दिल खोलकर इस सलून में जाया करते थे। 


लोग क्लीन शेव रखते थे मगर अब फिर से तालिबान का राज हो गया है।  तालिबान के आते ही फिर से पुराना आतंक भी वापस आ गया है।  युवाओं में तालिबान के फरमान को लेकर काफी गुस्सा है लेकिन उसे जाहिर नहीं कर पा रहे हैं।  बता दें कि महिलाओं के पहनावें को लेकर भी तालिबान ने फरमान जारी किया है जिसका विरोध किया जा रहा है।  











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