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Wednesday, September 22, 2021

रवींद्र सरोवर लेक में आखिर क्यों मर रही हैं मछलियां ?

  • पर्यावरणविदों के विरोध पर केएमडीए ने उठाया कदम 
  • अब ऐसे की जाएगी इस मामले की जांच 

 "रवींद्र सरोवर लेक एक कृत्रिम लेक है।  इस लेक के रखरखाव पर ध्यान देना जरूरी है लेकिन लेक अनदेखी का शिकार हो रहा है। लेक के पानी के ओवरफ्लो होते ही लेक में मौजूद मछलियां मरने लगी। सैंकड़ों मछलियों के मरने से पर्यावरणविदों और यहाँ आने वाले मॉर्निंग वॉकर्स में काफी नाराजगी देखी गयी।  पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने भी लेक में मर रही मछलियों को लेकर अपनी आवाज उठायी।  इसकी भनक केएमडीए तक भी पहुंची। महानगर के पर्यावरणविदों के समूहों ने सवाल उठाया है आखिर लेक में मछलियां क्यों मर रही हैं ? क्या लेक में गन्दगी फ़ैल रही हैं या लेक को अनदेखा किया जा रहा है ? बता दें कि पिछले दिनों ही लेक में क्लबों द्वारा अवैध निर्माण से लेक में गन्दगी फैलने को लेकर भी मामला सामने आया था।  इसके बाद लेक में मछलियों के मरने से इस बात पर मुहर लग रही है कि लेक में अवैध निर्माण का खामियाजा इन मछलियों को भुगतना पड़ रहा है। "

dead fish float on the lake



KOLKATA/RABINDRA SAROVAR LAKE : कोलकाता में इन दिनों जमकर बारिश हो रही हैं।  सिर्फ कोलकाता ही नहीं बल्कि जिलों में भी बारिश अपना कहर बरपा रही है।  इसी तेज बारिश में कोलकाता का लंग्स कहलाने वाले रवींद्र सरोवर लेक में भी पानी ओवरफ्लो हो गयी।

 रवींद्र सरोवर लेक एक कृत्रिम लेक है।  इस लेक के रखरखाव पर ध्यान देना जरूरी है लेकिन लेक अनदेखी का शिकार हो रहा है। लेक के पानी के ओवरफ्लो होते ही लेक में मौजूद मछलियां मरने लगी। सैंकड़ों मछलियों के मरने से पर्यावरणविदों और यहाँ आने वाले मॉर्निंग वॉकर्स में काफी नाराजगी देखी गयी।  

पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने भी लेक में मर रही मछलियों को लेकर अपनी आवाज उठायी।  इसकी भनक केएमडीए तक भी पहुंची। महानगर के पर्यावरणविदों के समूहों ने सवाल उठाया है आखिर लेक में मछलियां क्यों मर रही हैं ? क्या लेक में गन्दगी फ़ैल रही हैं या लेक को अनदेखा किया जा रहा है ? 

बता दें कि पिछले दिनों ही लेक में क्लबों द्वारा अवैध निर्माण से लेक में गन्दगी फैलने को लेकर भी मामला सामने आया था।  इसके बाद लेक में मछलियों के मरने से इस बात पर मुहर लग रही है कि लेक में अवैध निर्माण का खामियाजा इन मछलियों को भुगतना पड़ रहा है। 

पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने भी इस मुद्दे पर बात की है।  उन्होंने इस बारे में केएमडीए को भी चिट्ठी लिखकर अवगत कराया है।  घोष का कहना है , national  green  tribunal , सुप्रीम कोर्ट और पोल्युशन कण्ट्रोल बोर्ड के निर्देशों की अवहेलना कर लेक में अवैध निर्माण किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार लेक के किनारे से 75 मीटर तक किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध है।  


लेक में गंदगी फैलने के भी है कई कारण

पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने बताया, रवींद्र सरोवर लेक के पानी के गंदे होने के भी कई कारण हैं।

 लेक के किनारे बने क्लब में भी बारिश के कारण पानी भर गया जिससे वहां से गंदा पानी लेक में आ गया है। 

इसके अलावा लेक के साउथ - ईस्ट कॉर्नर में स्थित गार्बेज vat से भी गंदगी लेक में आ रही हैं। इनमें तीसरा कारण पास में ही स्थित लिली पूल में चल रहे निर्माण कार्य है।

निर्माण कार्य के कारण ईंट, बालू और सीमेंट भी लेक के पानी को गंदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 


मछलियों के मरने से केएमडीए भी आया हरकत में 

पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने बताया , लेक में मछलियों के मरने की घटना की जानकारी केएमडीए को दी गयी।  इससे पहले भी केएमडीए को लेक में हो रहे हैं अवैध निर्माण की जानकारी दी गयी थी।  इस बार मछलियों के मरने से केएमडीए के अधिकारी भी सकते में है।  

लेक में आखिर मछलियां क्यों मर रही है ? इसकी जांच के लिए केएमडीए ने भी कदम उठाया है।  घोष बताते है कि केएमडीए की तरफ से उनकी चिट्ठी का जवाब दिया गया और कहा गया कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं।  

water overflow in lake


लेक के पानी की जांच के लिए लगाया जायेगा DO सिस्टम 

घोष का कहना है , इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए केएमडीए की तरफ से बताया गया है कि वे एनवायर्नमेंटल एक्सपर्ट की राय लेंगे।  इसके साथ ही ये भी बताया गया कि लगातार तेज बारिश और बदल के कारण जलाशय में सूर्य की रौशनी नहीं पहुँच रही है जिससे लेक में रहने वाले जलीय जीवों का थर्मल बैलेंस प्रभावित हो रहा है। 

 इसलिए पानी का DO लेवल बढ़ने के लिए केएमडीए कदम उठाने वाला है। इसके लिए पहले पानी का DO लेवल जांचने के लिए DO सिस्टम लगाया जायेगा।  इसके अलावा aerators भी इन्सटॉल किया जायेगा ताकि पानी का DO लेवल बढ़ सके।  

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