- 22 मई से शुरु हुई है प्रतियोगिता, 31 जुलाई तक चली, जल्द जारी होगा रिजल्ट
- कोलकाता पुलिस के सीपी सौमेन मित्रा के निर्देश पर शुरु हुई ये प्रतियोगिता
- अलीपुर थाने का मालखाना पहले स्थान पर
"कोलकाता पुलिस के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई मामला कोलकाता पुलिस के अंतर्गत घटित होती है या दर्ज होती है , उसका सुलझना शत - प्रतिशत तय है। कोलकाता पुलिस अपने हाई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए भी चर्चा में रहता है। इस बार भी कोलकाता पुलिस ने ऐसा कदम उठाया है जो चर्चा का विषय बन गया है। 1860 में ब्रिटिश ज़माने में बनी कोलकाता पुलिस तब से लेकर आज तक उसी शान से अपना काम करती आ रही हैं। इस बार भी कोलकाता पुलिस ने ऐसा काम किया है जो काबिले तारीफ है। कोलकाता पुलिस ने एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन किया है। कोलकाता पुलिस के इतिहास में पहली बार इस तरह की किसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जो शायद पहले कभी नहीं की गयी थी। वो प्रतियोगिता है "बेस्ट केप्ट मालखाना " यानी किस थाने ने अपने मालखाना को सजाकर और मेन्टेन कर रखा है। "
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CP SOUMEN MITRA (file photo) |
कोलकाता : कोलकाता पुलिस की तुलना हमेशा स्कॉटलैंड पुलिस से की जाती है। कोलकाता पुलिस का नाम यूँ ही रोशन नहीं हुआ है बल्कि इसके लिए कोलकाता पुलिस ने काफी मेहनत भी की है। कोलकाता पुलिस के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई मामला कोलकाता पुलिस के अंतर्गत घटित होती है या दर्ज होती है , उसका सुलझना शत - प्रतिशत तय है।
कोलकाता पुलिस अपने हाई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए भी चर्चा में रहता है। इस बार भी कोलकाता पुलिस ने ऐसा कदम उठाया है जो चर्चा का विषय बन गया है। 1860 में ब्रिटिश ज़माने में बनी कोलकाता पुलिस तब से लेकर आज तक उसी शान से अपना काम करती आ रही हैं।
इस बार भी कोलकाता पुलिस ने ऐसा काम किया है जो काबिले तारीफ है। कोलकाता पुलिस ने एक अनोखी प्रतियोगिता का आयोजन किया है। कोलकाता पुलिस के इतिहास में पहली बार इस तरह की किसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जो शायद पहले कभी नहीं की गयी थी। वो प्रतियोगिता है "बेस्ट केप्ट मालखाना " यानी किस थाने ने अपने मालखाना को सजाकर और मेन्टेन कर रखा है।
कोलकाता पुलिस के सीपी का है ये आईडिया
सूत्र बताते हैं कि कोलकाता पुलिस के वर्तमान पुलिस कमिश्नर सौमेन मित्रा का ही आईडिया है ये प्रतियोगिता। सौमेन मित्रा के बारे में बताया जाता है कि ये एक ऐसे आईपीएस अधिकारी है जो हमेशा आधुनिकी पर जोर देते हैं। ये हमेशा अपने आस - पास सफाई देखना पसंद करते है।
एक अधिकारी ने बताया , सौमेन मित्रा जहाँ भी जाते हैं वहां इसी तरह का आधुनिकीकरण करते हैं। कोलकाता पुलिस में सीपी होने से पहले वो अन्य पद पर भी कोलकाता पुलिस में रह चुके हैं। डीडी बिल्डिंग से लेकर नार्थ डिवीज़न , पीटीएस में भी उन्होंने आधुनकीकरण करवाया है।
इसके अलावा जब वे भवानी भवन में थे तब उन्होंने भवानी भवन का भी कायापलट करवाया था। अब वे कोलकाता पुलिस के सीपी है तो उन्होंने मालखाने के आधुनिकरण करने का बीड़ा उठाया है। कोलकाता पुलिस के अंतर्गत 79 थाने हैं और सभी थानों में मालखाना है।
मगर इन मालखानों की हालत काफी बदतर है। मालखाने की हालत सुधारने के लिए ही इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। लालबाजार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया , 22 मई से इस प्रतियोगिता को शुरु किया गया है जो 31 जुलाई तक चली।
मालखाना क्या है
मालखाना एक थाने का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। हर मामले में कुछ न कुछ चीज़ें जब्त की जाती है। मामला पूरा चलने तक यानी मामले में सजा सुनाये जाने तक जब्त किये गए सामानों को इसी मालखाने में रखा जाता है। मालखाना में हर चीज़ स्टोर की जाती है चाहे वो सोना , गहना या कोई कीमती चीज़ हो या कोई दस्तावेज।
हालाँकि , वाहनों को भी जब्त किया जाता है जिन्हें थाने के बाहर रखा जाता है। वहीँ, इस मालखाना की देख - रेख के लिए एक एएसआई को नियुक्त किया जाता है जो मालखाना बाबू कहलाता है। जब कोई चीज़ जब्त कर लायी जाती है तो उसे कोर्ट में पेश करने से पहले मालखाना में जमा किया जाता है।
यहाँ जो भी सामान जमा होता है उसे रजिस्टर में लिखा जाता है। रजिस्टर मेन्टेन करना बहुत जरुरी होता है। इसके बाद मामला चलने तक सामान यही सेफ कस्टडी में रहता है। ऐसे कई मामले होते हैं जो कई सालों से कोर्ट में लंबित है तो उन मामलों में भी जब्त किये गए सामान इसी मालखाना में जमा रहता है।
मालखाना की सुरक्षा भी बेहद जरुरी होती है और उसका भी ध्यान रखा जाता है। मगर , लालगढ़ जिले में वर्ष 2020 में मालखाना से गायब हुए राइफल की घटना ने मालखाना की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लगा दिया था। इसके बाद ही कोलकाता पुलिस ने मालखाना को लेकर कई दिशा - निर्देश भी दिए थे।
कई थानों के मालखानों की हालत ऐसी है जैसे लगे भूतहा कमरा
लालबाजार के एक आधिकारिक सूत्रों ने बताया , कोलकाता पुलिस के कई थानों के मालखाना की हालत काफी ख़राब है। मालखाना में पड़े सामानों और दस्तावेजों में धूल की परतें जम गई है। कुछ मालखाना को देखकर वो किसी भूतहा कमरे से कम नहीं लगता है।
हालाँकि इन सब में अम्हर्स्ट स्ट्रीट थाने का मालखाना काफी आधुनिक है। वहीँ कुछ थाने जो किराये के मकान में है जैसे इकबालपुर और अन्य , वहां मालखाना के लिए ज्यादा जगह नहीं है जिससे वहां मालखाना काफी अस्त - व्यस्त रहता है।
प्रतियोगिता ने बदली मालखाना की सूरत
सूत्र बताते हैं कि प्रतियोगिता ने थानों के मालखाना की सूरत काफी बदल दी है। हर थाने ने मालखाना को सजाकर और साफ़ सुथरा रखने की भरसक कोशिश की है। उन सभी सामानों को मालखाना से हटाया गया है जिसे क़ानूनी तौर पर हटाया जा सकता है।
उसी बीच शनिवार को एक खबर काफी वायरल हुई कि इस प्रतियोगिता में साउथ डिवीज़न के अंतर्गत अलीपुर थाने के मालखाना को बेस्ट केप्ट मालखाना का अवार्ड दिया गया है। इसकी एक वजह ये थी कि आज थाने के इंस्पेक्शन के लिए लालबाजार से वरिष्ठ अधिकारी अलीपुर थाने पहुंचे थे।
22 जुलाई को ही इस थाने का रिव्यु कर लिया गया था , ऐसे में वरिष्ठ अधिकारीयों के आने से अलीपुर थाने के विजेता घोषित होने की खबर तेजी से फ़ैल गई। शनिवार को उड़ी अफवाह सोमवार को सच हो गई।
आख़िरकार, अब सस्पेंस हुआ ख़त्म और अटकलों पर लगी लगाम। अलीपुर थाने के मालखाना को आखिरकार पहला पुरस्कार मिल ही गया।
इस बारे में कोलकाता पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने सोमवार को बताया , मालखाना प्रतियोगिता में अलीपुर थाने के मालखाना को पहला स्थान मिला है।
उक्त थाने को 50 हज़ार का नकद इनाम भी दिया गया है। वहीं , दूसरे स्थान पर पाटुली थाने का मालखाना है जिसे 40 हजार रुपये नकदी मिली है वहीं तीसरे स्थान पर सरसुना थाना है जिसे 30 हज़ार रुपये नकदी दी गई है।
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