- IPS बनकर उसे हर जगह मिलती थी smooth entry
- माँ को पता है बेटा है आईपीएस अफसर , कहती है - जल्द छूट जायेगा उसका बेटा
" इस फ़र्ज़ी आईपीएस की पोल खोलने में उसकी खुद की इमेज ही जिम्मेदार है। अक्सर लोग अपनी पहचान बदलकर लोगों पर रौब दिखने के लिए संपर्क करते है लेकिन वो ये भूल जाते हैं की कानून के हाथ लम्बे होते हैं। झूठ और पाप का घड़ा भरता और फूटता है। राजर्षि भट्टाचार्य उर्फ़ बाबई की असलियत क्या है और उसने आईपीएस का चोला क्यों पहना था , इसके पीछे कि कहानी भी बेहद रोचक है। राजर्षि एक पेंटर है , जी हाँ पुलिस को दिए बयान में उसने बताया कि वो पेंटिंग करता है। "
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FAKE IPS OFFICER RAJARSHI BHATTACHARYA |
KOLKATA : हर किसी की चाहत होती है कि उसकी पहचान सबसे अलग हो और वो जहाँ जाये उसे सम्मान मिलें। अगर वो किसी के सामने आये तो लोग उसे सलाम करें और उसके आगे - पीछे घूमे। उसका काम बिना रोक - टोक के पूरा हो जाएँ।
ऐसी ही चाहत रखता था कोलकाता पुलिस के हत्थे चढ़े फ़र्ज़ी आईपीएस अफसर राजर्षि भट्टाचार्य उर्फ़ बाबई। फ़र्ज़ी आईएएस अफसर देबांजन देब की गिरफ़्तारी के बाद फ़र्ज़ी आईपीएस की गिरफ़्तारी भी कोलकाता पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। इस फ़र्ज़ी आईपीएस की पोल खोलने में उसकी खुद की इमेज ही जिम्मेदार है।
अक्सर लोग अपनी पहचान बदलकर लोगों पर रौब दिखने के लिए संपर्क करते है लेकिन वो ये भूल जाते हैं की कानून के हाथ लम्बे होते हैं। झूठ और पाप का घड़ा भरता और फूटता है। राजर्षि भट्टाचार्य उर्फ़ बाबई की असलियत क्या है और उसने आईपीएस का चोला क्यों पहना था , इसके पीछे कि कहानी भी बेहद रोचक है।
राजर्षि एक पेंटर है , जी हाँ पुलिस को दिए बयान में उसने बताया कि वो पेंटिंग करता है। हालाँकि , उसकी पेंटिंग ऐसी ही है जैसे किसी ने कैनवास पर गोबर पोत दिया गया हो। खैर उसकी पेंटिंग जैसी भी हो लेकिन उसने पेंटिंग बेचकर काफी रुपया कमाया है।
वो अपनी नहीं बल्कि दूसरों की पेंटिंग बेचता था और प्रॉफिट कमाता था। पेंटिंग्स बेचने में उसकी आईपीएस की इमेज उसकी काफी मदद करती थी। चौकियें मत , ये बिलकुल सही है। पेंटिंग बेचने के लिए ही राजर्षि ने फ़र्ज़ी आईपीएस का ढोंग रचा था।
पेंटिंग से फ़र्ज़ी आईपीएस बनने का सफर
सूत्रों ने बताया, राजर्षि करीब एक साल से फ़र्ज़ी आईपीएस का चोला पहनकर घूम रहा है। पूछताछ में जो बात सामने आयी उससे पुलिस अधिकारी भी अचंभित हो गए। राजर्षि ने पुलिस को बताया , वो नामजादा पेंटर की पेंटिंग्स बोलकर कोई भी सस्ती पेंटिंग्स लोगों को ऊँची दामों में बेच दिया करता था।
आम पेंटिंग्स को मशहूर पेंटर एम एफ हुसैन की पेंटिंग्स बताकर वो बेचता था। ऐसे में किसी को कोई शक नहीं होता था जब वो खुद का परिचय एक आईपीएस अधिकारी के तौर पर देता था। अगर किसी खरीददार को पेंटिंग्स देखकर कोई संदेह होता था तो वो यह कहकर उनका भरोसा जीत लेता था कि एक आईपीएस अधिकारी होकर वो कैसे फर्जीवाड़ा कर सकता है।
उसकी ये बात सुनकर किसी को भी फिर कोई शक नहीं होता था। आसानी से भरोसा जितने के बाद से ही राजर्षि ने आईपीएस अफसर का चोला पहन लिया था।
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SEIZED BLUE BEACON ATTACHED SCORPIO |
पेंटिंग्स बेचकर ही चलता है राजर्षि का खर्चा - पानी
सूत्र ने बताया , राजर्षि को आईपीएस बनकर रहने में काफी रुपये की जरुरत पड़ती है। राजर्षि ने पुलिस के सामने दावा किया है कि वो इस रुपये का जुगाड़ पेंटिंग्स बेचकर ही करता है। ऐसे करता है रुपये का जुगाड़ ? सूत्र ने बताया , राजर्षि अगर किसी से 5 या 10 लाख रुपये में पेंटिंग खरीदता है तो उसे किसी मशहूर पेंटर की पेंटिंग्स बताकर डबल दाम में बेच देता था।
पूछताछ में उसने एक वाकया पुलिस को बताया " लॉक डाउन से पहले उसने 10 लाख में एक पेंटिंग खरीदी थी जिसे उसने 20 लाख में बेच दिया। ' ये सुनकर पुलिस भी हैरान रह गयी। पेंटिंग्स बेचकर मिले प्रॉफिट से वो अपना खर्च वहन करता था।
आईपीएस बनकर रहने के लिए वो खुद पर और उसके संपर्क में रहने वालों पर लाखों रुपये खर्च करता था। वो किसी विभाग के छोटे स्तर के कर्मियों से संपर्क करता था और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन देता था। अगर किसी को कोई मदद चाहिए होती थी तो राजर्षि से संपर्क करते थे और राजर्षि ये कहकर मदद करता था कि हम एक ही डिपार्टमेंट में है।
देश की सेवा कर रहे हैं तो उसकी मदद जरूर करेगा और वो मदद भी कर देता था। इसके एवज में राजर्षि को उन कर्मचारियों का भरोसा मिल जाता था।
आईपीएस दिखने के लिए उसने अपना मेकओवर करवाया था
सूत्र ने बताया , राजर्षि भट्टाचार्य हमेशा एक आईपीएस की तरह दिखने की कोशिश करता था। उसके पास आईपीएस की यूनिफार्म भी है। आईपीएस बनकर रहने के लिए उसने खुद का मेकओवर भी करवाया था। उसके सिर पर बाल नहीं है लेकिन उसने आईपीएस बनने के लिए नकली बाल लगाया था।
उसे आईपीएस की पोशाक में देखने पर कोई ये नहीं कह सकता था ,कि वो फ़र्ज़ी है। इसके बाद वो नीली बत्ती लगी स्कार्पियो में घूमता था और साथ में बॉडीगार्ड और ड्राइवर भी रखता था। उसके पास पुलिस को 3.2 बोर पिस्तौल , राइफल आदि के लइसेंस मिले हैं।
उसके पास 3 से ज्यादा आर्म्स लइसेंस मिले हैं। उसने कैसे इन लइसेंस को हासिल किया था , इसकी जांच की जा रही है। वहीं , इन लाइसेंसी बंदूकों का वो क्या करता था , इसकी भी जांच की जा रही हैं।
माँ के साथ ही पूरे मोहल्ले को बताया था ' मैं हूँ एक आईपीएस अफसर '
राजर्षि एक आईपीएस अधिकारी नहीं है , इसका पता उसकी गिरफ़्तारी के बाद ही सभी को चला। वरना अब तक तो उसके परिजन को यही पता था कि राजर्षि एक आईपीएस अफसर है। हालाँकि, राजर्षि की माँ अभी भी यही मानती है कि उसका बेटा एक आईपीएस ऑफिसर है। वो ये कह रही है कि उसके बेटे ने ट्रेनिंग नहीं ली है इसलिए पुलिस ने पकड़ा है।
वो जल्द ही पुलिस के कब्ज़े से छूट कर आ जायेगा। वहीं उसके इलाके के लोगों ने बताया , राजर्षि भट्टाचार्य पिछले 4 -5 सालों से खुद को आईपीएस अफसर बताया करता था। वो कहता था कि वो एक सीक्रेट मिशन पर है।
हालाँकि, ये बात वो जिससे भी मिलता था उसे कहता था कि वो अभी सीक्रेट मिशन पर है , इससे ज्यादा वो कुछ बता नहीं सकता है। अब पुलिस हवालात में उसके सीक्रेट मिशन का खुलासा हो रहा है।
कोलकाता पुलिस ही नहीं अन्य डिपार्टमेंट के कर्मियों से थे उसके संपर्क , कई पुलिस पर गिर सकती है गाज
राजर्षि के झांसे में न सिर्फ आम पब्लिक बल्कि पुलिस भी आयी थी। कोलकाता पुलिस के कई कर्मियों के संग राजर्षि के फोन पर चैट मिले हैं।
कोलकाता पुलिस के अलावा विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट और अन्य डिपार्टमेंट के कर्मियों के साथ भी राजर्षि के बातचीत होती थी और साथ में पार्टी भी करते थे।
इस मामले में कई पुलिसकर्मी के नाम सामने आ रहे हैं , उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वहीँ राजर्षि की मदद करने के आरोप में पार्क स्ट्रीट के एक एएसआई के खिलाफ इन्क्वारी शुरू की गयी है।
जल्द ही उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वारी शुरू की जाएगी। वहीँ एक और कांस्टेबल के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी जिसने राजर्षि को आर्म्स लाइसेंस दिलवाने में मदद की थी।
युवती के लिए हत्या की साजिश रची थी राजर्षि ने
पुलिस सूत्रों ने बताया , जांच में पता चला राजर्षि का एक युवती से सम्बन्ध था। वो युवती शादी-शुदा बताई जा रही है। उसके कथित पति व प्रेमी को राजर्षि अपने रास्ते से हटाना चाहता था। क्योंकि वो उस युवती से शादी करना चाहता था।
हालाँकि , युवती ये जानती थी या नहीं , इसकी जाँच की जा रही है। दूसरी तरफ , राजर्षि सुपारी किलर की तलाश कर रहा था। सूत्र बताते है कि वो डी. चक्रवर्ती नाम के शख्स कि हत्या की योजना बना रहा था।
हत्या करने के लिए राजर्षि ने एक युवक को 3 लाख रूपये देने की भी पेशकश कर दी थी। फिलहाल , पुलिस मामले की जांच कर रही हैं।
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