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Friday, July 23, 2021

SCHOOL खोलने को लेकर GUARDIANS की प्रतिक्रिया : "आप लिखकर दें - बच्चा CORONA से रहेगा 100 प्रतिशत सुरक्षित "

  •  स्कूल खोले जाने के समर्थन में एम्स के निदेशक के बयान पर अभिभावकों में उबाल, यूपीपीएफ ने दिया खुला पत्र 

"कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा डर अभी बच्चों के लिए है, इसका कारण ये है कि अभी बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आयी हैं।  ऐसे में बच्चों को कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से बचाना सभी अभिभावकों के लिए बड़ी चुनौती हैं।  अभी जब देश कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की रणनीति बना रहा है तो उसी दौरान बच्चों के स्कूल खोलने के समर्थन में एम्स के निदेशक भी सामने आते दिखे।  दरअसल , सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का स्कूल खोलने के समर्थन में बयान जारी हुआ है। उस बयान के बाद से अभिभावकों में खासा नाराजगी देखी जा रही हैं।  कोलकाता में अभिभावकों को लेकर बनायीं गयी यूनाइटेड पेरेंट्स प्रोटेक्शन फोरम (यूपीपीएफ) ने भी एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के बयान की कड़ी निंदा की है और यूपीपीएफ ने उन्हें खुला पत्र लिखा है।"



कोलकाता : हमारा देश कोरोना महामारी से लगातार जूझ रहा हैं।  देश में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी कहर ढाया हैं।  दूसरी लहर के आतंक के बीच ही कोरोना की तीसरी लहर को लेकर देश भर के डॉक्टर और एक्सपर्ट चिंतित हैं।  कोरोना की तीसरी लहर कितनी जानलेवा होगी उसको लेकर एक्सपर्ट स्टडी कर रहे हैं। 

कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा डर अभी बच्चों के लिए है, इसका कारण ये है कि अभी बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आयी हैं।  ऐसे में बच्चों को कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से बचाना सभी अभिभावकों के लिए बड़ी चुनौती हैं।  अभी जब देश कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की रणनीति बना रहा है तो उसी दौरान बच्चों के स्कूल खोलने के समर्थन में एम्स के निदेशक भी सामने आते दिखे।  

दरअसल , सोमवार को एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का स्कूल खोलने के समर्थन में बयान जारी हुआ है। उस बयान के बाद से अभिभावकों में खासा नाराजगी देखी जा रही हैं।  कोलकाता में अभिभावकों को लेकर बनायीं गयी यूनाइटेड पेरेंट्स प्रोटेक्शन फोरम (यूपीपीएफ) ने भी एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के बयान की कड़ी निंदा की है और यूपीपीएफ ने उन्हें खुला पत्र लिखा है। 

इस समबन्ध में  यूपीपीएफ के अध्यक्ष पंकज केडिया ने कहा, इस महामारी में पूरा देश उनकी (एम्स के निदेशक) ओर टकटकी लगाए देख रहा हैं, पर पिछले दिनों उन्होंने जो बयान दिया उससे अभिभावकों को काफी आघात लगा हैं। 

पंकज केडिया ने कहा कि अभी जहां एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए ई -पास की आवश्यकता होती है,अभी भी कई राज्यों में लॉक डाउन जारी है।आये दिन तीसरी लहर को लेकर आ रही खबरें सभी परिवारों को डरा रही हैं , ऐसी स्थिति में हम अपने बच्चों के लिए और ज्यादा फिक्रमंद हो गए हैं। 

ऐसे में एम्स के निदेशक का ये कहना कि स्कूल, वो भी प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं, उन्होंने असंवेदनशीलता का परिचय दिया हैं। हम अपने बच्चों की जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। हम उनकी बयान का कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। उन्हें अपना बयान वापस लेना होगा।


लिखकर दें  - बच्चा रहेगा 100 सुरक्षित 

वहीं इस फोरम के सचिव संजीव शर्मा का भी यही कहना है कि एम्स के निदेशक के बयान का विरोध करते है।  अभी बच्चों को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई गयी हैं,  इसलिए अभी स्कूलों का खोलना खतरें से खाली नहीं हैं।  हमारे बच्चों के साथ ही शिक्षकों के स्वास्थ्य के बारे में भी सोचना जरुरी हैं।  

अभी तक कोरोना संक्रमण गया नहीं हैं।  हम दूसरी लहर से अभी तीसरी लहर की तरफ बढ़ रहे हैं ऐसे में उनका बयान उनकी असंवेदनशीलता का परिचय दे रहा हैं। एक सवाल के जवाब में कि अभी एक्सपर्ट बता रहे हैं कि तीसरी लहर में बच्चों को कम खतरा हैं , इस पर संजीव शर्मा का कहना है , इस तरह का बयान अप्रासंगिक है। उनको कैसे पता चल गया कि बच्चों पर कोरोना का प्रभाव कम पड़ेगा ? जब तब कि हमारे पास अभी कोरोना की कोई दवाई नहीं है।

 अभी भी कोई निश्चित तौर पर यह नहीं बता पा रहा है कि वैक्सीन कितना प्रभावी है। ऐसे में बच्चों का स्कूल खोलना बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना होगा।  हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार है अगर एम्स के निदेशक और एक्सपर्ट हमें लिखित तौर पर कहे कि हमारा बच्चा स्कूल में कोरोना से 100 प्रतिशत सुरक्षित रहेगा।  


ICMR के निदेशक ने दिया चौथे सीरो सर्वें का हवाला 

बच्चों के स्कूल खोलने को लेकर आईसीएमआर ने भी अपना समर्थन दिया है।  कुछ दिनों पहले ही आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने भी चौथे सीरो रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस जिस एस रिसेप्टर की सहायता से शरीर की कोशिकाओं से जुड़ता हैं वो बच्चों में कम होता हैं। 

 इसलिए संक्रमित होने के बावजूद बच्चों में उसका असर कम दिखता हैं। उन्होंने बताया सीरो की सर्वें रिपोर्ट के मुताबिक 6 से 9 साल  के 57.2 प्रतिशत और 10 से 17 साल के 61.7 फीसदी बच्चों में एंटीबाडी मिली है।  ये उतनी ही है जितना 18 साल और उससे ऊपर के उम्र वालों में वैक्सीन लेने के बाद मिली हैं।  हालाँकि उन्होंने COVID प्रोटोकॉल को मानते हुए स्कूल खोलने की सिफारिश की है।  

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