" युवाओं को ड्रग्स के दलदल से बचने के लिए एजेंसी भी लगातार ड्रग्स तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चला रही हैं। आतंकी संगठन आईएसआईएस का समबन्ध अब ड्रग्स से भी जुड़ गया है। जी हाँ , वैसे तो ड्रग्स तस्करी से टेरर फंडिंग आम बात है लेकिन अगर ड्रग्स का नाम ही आतंकी संगठन के नाम पर हो तो, फिर बात ही कुछ अलग होग। यहां हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे ड्रग्स और प्रतिबंधित दवा के बारे में जिसका नाम आतंकी संगठन आईएसआईएस के नाम पर है। दरअसल, ट्रामाडोल पेनकिलर प्रतिबंधित दवा है जिसे आईएसआईएस ड्रग्स भी कहा जाता है।"
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seized tramadol |
BENGAL: आईएसआईएस आतंकी संगठन के बारे में हर किसी को पता है। अगर कहीं पर कोई आतंकी घटना घटती है तो उस दौरान इसी आतंकी संगठन का नाम सबसे पहले सामने आता है। विश्व में आतंक फैलाना ही इस आतंकी संगठन का एक मात्र उद्देश्य है।
इस बाबत इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक और सीरिया (आईएसआईएस) आतंकी संगठन हर वक्त देश में कोई न कोई धमाका करने के लिए अपनी रणनीति बनाते रहते हैं हालाँकि हमारी सुरक्षा एजेंसियां भी इस आतंकी संगठन पर पैनी नजर बनाकर रखती हैं और उनकी हर आतंकी गतिविधियों को नेस्त नाबूत करने के लिए निरंतर काम करती रहती हैं।
वहीँ आतंकी संगठन के साथ ही देश को खतरा ड्रग्स से भी हैं। आजकल युवावर्ग ड्रग्स की लत में डूबा हुआ है। युवाओं को ड्रग्स के दलदल से बचने के लिए एजेंसी भी लगातार ड्रग्स तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चला रही हैं। आतंकी संगठन आईएसआईएस का समबन्ध अब ड्रग्स से भी जुड़ गया है।
जी हाँ , वैसे तो ड्रग्स तस्करी से टेरर फंडिंग आम बात है लेकिन अगर ड्रग्स का नाम ही आतंकी संगठन के नाम पर हो तो, फिर बात ही कुछ अलग होग। यहां हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे ड्रग्स और प्रतिबंधित दवा के बारे में जिसका नाम आतंकी संगठन आईएसआईएस के नाम पर है।
दरअसल, ट्रामाडोल (TRAMADOL)पेनकिलर प्रतिबंधित दवा है जिसे आईएसआईएस ड्रग्स भी कहा जाता है। इस ड्रग्स का नाम उस वक्त सामने आया जब ड्रग्स तस्करी के खिलाफ काम करने वाली एजेंसी नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कोलकाता जोनल यूनिट , गुवाहाटी यूनिट और पटना यूनिट ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर 95.56 किलो ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त की।
ट्रामाडोल कैप्सूल एक प्रकार का पेनकिलर है लेकिन इस पेनकिलर की बिक्री पर वर्ष 2018 में भारत सरकार ने पाबन्दी लगा दी है। इसके बाद से ही इस ट्रामाडोल कैप्सूल को प्रतिबंधित दवा की श्रेणी में रखा गया है। इस ट्रामाडोल कैप्सूल का नाम दुनिया के खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है। एनसीबी सूत्रों ने बताया, इस ड्रग्स को आईएसआईएस ड्रग्स भी कहा जाता है।
आखिर क्यों पड़ा है इस ड्रग्स का नाम आईएसआईएस ड्रग्स
जानकरी के अनुसार, आईएसआईएस आतंकियों द्वारा दर्द को दबाने और घायल होने पर ताकत बढ़ाने के लिए इस ट्रामाडोल कैप्सूल का व्यापक परिमाण में इस्तेमाल किया जाता हैं। इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय एंटी नारकोटिक्स अधिकारीयों के बीच इसे आईएसआईएस ड्रग्स के रूप में भी जाना जाता है।
नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो सूत्रों ने बताया , हाँ, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इस ड्रग्स को आईएसआईएस ड्रग्स कहा जाता है। इसके बारे में कई सोर्स से इसका ऐसा नाम सामने आया है।
2018 के बाद से ही इस ड्रग्स को लेकर धर- पकड़ अभियान चलाया जा रहा है। कई अन्य देशों में भी इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। जांच में पता चला है कि भारत से इस ड्रग्स की तस्करी दूसरे देशों में की जा रही हैं। इसको लेकर सभी एजेंसी अलर्ट है।
4 ऑपरेशन के जरिये एनसीबी ने ट्रामाडोल की बड़ी खेप पकड़ी
एनसीबी सूत्रों ने बताया , सबसे पहले एनसीबी गुवाहाटी यूनिट ने एक कूरियर कंपनी से दो कन्साइनमेंट जब्त की , जिसकी तलाशी लेने पर 42.08 किलो ट्रामाडोल कैप्सूल मिले। इन कैप्सूल पर sampfx प्लस लेबल लिखा हुआ था।
इन दोनों कन्साइनमेंट पर कोलकाता के राज कॉस्मेटिक सप्लाई का नाम लिखा था और इसे नागालैंड के दीमापुर में स्वेता एंटरप्राइज को भेजा जाना था। यहां से कोलकाता के सप्लायर का नाम पता चलने पर गुवाहाटी यूनिट ने एनसीबी कोलकाता जोनल यूनिट को इसकी जानकारी दी।
इसके बाद एनसीबी कोलकाता जोनल यूनिट ने गुवाहाटी यूनिट से मिली इनपुट पर काम कर एक व्यक्ति कंचन मालाकार को पकड़ा। उसके पास से 34 किलो ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त की गयी । वो यहाँ कन्साइनमेंट बुक करने के लिए आया था। वो ईको पार्क इलाके का रहने वाला है। उससे पूछताछ में पता चला कि गुवाहाटी और कोलकाता में पकड़ी गई ट्रामाडोल कैप्सूल के कन्साइनमेंट को पटना के रहने वाले एक शख्स अरुण शर्मा ने भेजा था।
इसके बाद ये जानकारी एनसीबी पटना यूनिट से साँझा की गई। इसके बाद पटना यूनिट ने अरुण शर्मा को पटना से गिरफ्तार किया । वहीँ दूसरी तरफ , गुवाहाटी यूनिट ने फिर इसी अरुण शर्मा द्वारा भेजी गई 19.48 किलो ट्रामाडोल कैप्सूल जब्त की।
पटना से कन्साइनमेंट को नागालैंड भेजा जाना था
एनसीबी सूत्रों ने बताया , प्रारंभिक जाँच में पता चला कि ट्रामाडोल पेनकिलर प्रतिबंधित कैप्सूल पटना से पहले कोलकाता भेजा जाता था। इसके बाद वहां कूरियर कंपनी के मार्फत गुवाहाटी भेजा जाता था। इसके बाद उसका फाइनल डेस्टिनेशन नागालैंड के दीमापुर में भेजा जाता था। फ़िलहाल , मामले की जांच की जा रही है।
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