'' टीएमसी में दम घुटने पर वरिष्ठ नेता और ममता बनर्जी के सलाहकार माने जाने वाले मुकुल रॉय ने बीजेपी का झंडा थामा था लेकिन चुनाव बाद मुकुल रॉय ने यू टर्न लिया और अपने पुराने घर (टीएमसी) में वापसी की। शुक्रवार को टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मीटिंग के लिए मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु रॉय के साथ टीएमसी भवन पहुंचे थे। ममता बनर्जी के साथ बंद कमरे में मीटिंग के बाद मुकुल रॉय ने बेटे संग फिर टीएमसी का हाथ थाम लिया। "
BENGAL POLITICS : बंगाल में असली खेला विधान सभा चुनाव के बाद आज देखने को मिली है। सुपर फ्राइडे टीएमसी के लिए बेहद खास रही तो वहीं बीजेपी के लिए झटका रहा। टीएमसी में दम घुटने पर वरिष्ठ नेता और ममता बनर्जी के सलाहकार माने जाने वाले मुकुल रॉय ने बीजेपी का झंडा थामा था लेकिन चुनाव बाद मुकुल रॉय ने यू टर्न लिया और अपने पुराने घर (टीएमसी) में वापसी की। शुक्रवार को टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मीटिंग के लिए मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु रॉय के साथ टीएमसी भवन पहुंचे थे। ममता बनर्जी के साथ बंद कमरे में मीटिंग के बाद मुकुल रॉय ने बेटे संग फिर टीएमसी का हाथ थाम लिया। ममता बनर्जी भी इस दौरान काफी खुश दिखी। इसकी जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी के बगल में मुकुल रॉय को जगह दी गई।
करीब 2 साल 9 महीने बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को अपने पास फिर पाकर ममता बनर्जी ने कहा, ओल्ड इस ऑलवेज गोल्ड। ममता बनर्जी ने मुकुल को लेकर कहा, पार्टी छोड़ने के बाद भी मुकुल रॉय ने कभी पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दिया था। मुकुल रॉय पर बीजेपी ने दबाव बना रखा था। पार्टी में मुकुल रॉय का स्वागत है। वहीं कभी सेनापति रह चुके शुभेंदु अधिकारी, फिलहाल बीजेपी की टिकट पर नंदीग्राम से विधायक बने और राज्य में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने वाले शुभेंदु अधिकारी के बारे में सवाल पूछने पर ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को ही खत्म कर दिया।
दरअसल, हुआ यूं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, टीएमसी छोड़कर गए उन सभी लोगों के लिए द्वार खुले हैं जो नीति मानते हैं। कई और लोग जो बीजेपी से टीएमसी में आना चाहते हैं उनके लिए दरवाजे खुले हैं।
इसी दौरान जैसे ही शुभेंदु अधिकारी का नाम बोला गया, ममता बनर्जी ने कहा, प्रेस कॉन्फ्रेंस इज ओवर (प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई है )। ममता बनर्जी के इस बयान पर राजनीति जानकारों का मानना है कि शुभेंदु अधिकारी के लिए ममता बनर्जी ने शायद दरवाजे बंद कर दिए हैं। मगर ये राजनीति है, यहां कुछ भी हो सकता है।
घर आकर खुश हूं, पार्टी में फिर आने की वजह का लिखित तौर पर दूंगा जवाब : मुकुल रॉय
घर वापसी पर मुकुल रॉय ने कहा, उन्हें टीएमसी में फिर से शामिल होकर खुशी हो रही हैं। सभी पुराने लोगों से मिलकर अच्छा लग रहा है। बंगाल फिर अपना गौरव हासिल करेगा। ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल फिर शीर्ष पर पहुंचेगा। मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी को राष्ट्रीय नेता कहा और इसके साथ ही उन्होंने बताया, टीएमसी से उनके कभी मतभेद नहीं रहे थे। आज भी नहीं है और आगे भविष्य में भी नहीं होगा। मुकुल रॉय ने कहा, बीजेपी छोड़कर टीएमसी में वापसी करने के पीछे का कारण सविस्तार से लिखित तौर पर जल्द बताऊंगा।
बीजेपी नेताओं ने भी मुकुल को लेकर दिए बयान
मुकुल रॉय को करीब 20 साल बाद चुनावी रण में बीजेपी ने उतारा था। 2021 विधान सभा में कृष्णानगर उत्तर से चुनाव जीतने के बाद मुकुल रॉय ने बीजेपी से नाता तोड़ दिया और फिर टीएमसी में वापस चले आए। उनके वापसी पर बीजेपी नेताओं ने भी अपना बयान दिया है। बीजेपी नेता और सांसद सौमित्र खां ने मुकुल रॉय को मीरजाफर की संज्ञा दी है।
वहीं बैरकपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने कहा, मुकुल रॉय कभी पब्लिक लीडर नहीं थे। बंगाल में एसी कमरों में बैठकर राजनीति नहीं होती है। मुकुल रॉय का राजनीति सफर पूरा हो गया है और अब जनता उनपर विश्वास नहीं करेगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया, पार्टी में रहकर मुकुल रॉय टीएमसी को बीजेपी की योजना के बारे में बताया करते थे।
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा, वो थे तो क्या करते थे। अब नहीं है तो उससे क्या फर्क पड़ जाएगा। बीजेपी नेता और जनरल सेक्रेटरी शायंतन बसु ने कहा, जब मुकुल रॉय को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया तब उन्होंने मना नहीं किया। जब कृष्णानगर उत्तर से टिकट दिया गया तब उन्होंने मना नहीं किया। हो सकता है, कल वो कहे कि उन्हें टीएमसी में अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने पार्टी छोड़ी है, वो दुर्भाग्यजनक है लेकिन इससे पहले भी मुकुल रॉय से बड़े नेताओं ने भी बीजेपी छोड़ी थी। उनके जाने से मुझे यकीन है कि बीजेपी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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