- "मेरी मर्जी " ने तबाह किया एक संसार, न मिला चैन, न मिला लव, सिर्फ मिली मौत
- कोलकाता में घटी घटना ने उठाए कई सवाल
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कोलकाता : आज हमारे समाज में किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है। इसका कारण इसी समाज में रहने वाले लोगों का व्यवहार और उनका लाइफ स्टाइल है। आज हर कोई अपनी मर्जी से जीना चाहता है। उसके पास जो रहता है उससे कभी कोई संतुष्ट नहीं रहता है। अपनी मर्जी से जीने के लिए और अपनी संतुष्टी के लिए हर किसी को कोई न कोई कीमत चुकानी पड़ती है। कोलकाता पुलिस के अंतर्गत बांसद्रोणी थाना इलाके में एक महिला की खुदकुशी की घटना ने इसी तरह का सवाल पैदा किया है। अपने बेटे और पति को छोड़कर अपने लिव इन पार्टनर के साथ ऐश मौज करने की कीमत उसे आखिरकार अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इस महिला की खुदकुशी ने जो सवाल पैदा किया हैं, वो ये है कि अपने भरे पूरे और खुशहाल संसार को छोड़कर चकाचौंध की दो दिन की चांदनी वाली जिंदगी चुनकर उसने न सिर्फ अपने लिए अंधकार की दुनिया चुनी बल्कि उसे इसकी कीमत आत्महत्या कर चुकानी पड़ी। इस घटना में कौन जिम्मेदार है? यह कहना गलत नहीं होगा कि वो महिला खुद ही अपनी इस हालत की जिम्मेदार थी। सबसे पहले जानते हैं क्या है पूरी घटना।
क्या थी इस महिला की कहानी
नाम - ओइंद्रीला घोष
उम्र - 39
शुक्रवार, 4 जून को ओइंद्रीला घोष का फंदे से झूलता शव बरामद किया गया था। ओइंद्रीला यहां पेइंग गेस्ट की तौर पर अपने लिव इन पार्टनर सिद्धार्थ चटर्जी के साथ पिछले 2 सालों से रह रही थी। ओइंद्रीला शादीशुदा होने के बावजूद सिद्धार्थ के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी। इसी साल जनवरी में ओइंद्रीला का अपने पति से तलाक हुआ है। इस तलाक में जो शर्त थी वो शर्त शायद ही कोई मां रखें। चंद रुपयों के लिए उसने अपने बेटे का ही सौदा अपने पति के साथ कर लिया। सूत्र बताते है कि ओइंद्रीला ने अपने पति जो की एक बैंक मैनेजर है जबकि उसका भाई डॉक्टर है और पिता भी डॉक्टर रह चुके हैं। वहीं ओइंद्रीला का परिवार काफी पढ़ा लिखा और आर्थिक दृष्टि से मजबूत है तो वहीं एक बेरोजगार के साथ ओइंद्रीला अपनी फ्रीडम वाली जिंदगी के सपने देख रही थी। इस सपने के लिए उसने अपने पति से तलाक ले ली। हालांकि, पति से तलाक लेने पर यह शर्त रखी थी कि 20-25 लाख रुपए लेकर वो अपने बेटे से सारे नाते तोड़ देगी। 11 साल के बेटे के लिए इतने लाख तो नहीं पर उसके पति ने 5-10 लाख रुपए देने की बात स्वीकार करते हुए तलाक के लिए राजी हो गया। ओइंद्रीला ने रुपए लेकर पति को तलाक और बेटे से रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद वो अपने लिव इन पार्टनर के साथ दिन रात पार्टी, ड्रग्स लेने में व्यस्त हो गई। 12 लाख रुपए कब छू मंतर हो गए, दोनों को पता ही नहीं चला। सिद्धार्थ बेरोजगार है और ओइंद्रीला एक प्राइवेट सेक्टर में जॉब करती थी। मगर मेरी मर्जी और फ्रीडम की जिंदगी की चाह रखने वाली ओइंद्रीला को केवल मौज और लस्ट की ही लत थी। दोनों ही रोजाना शराब और ड्रग्स लेते और फिर हिंसक हो जाते थे। दोनों में अक्सर मारपीट की भी घटना घटी है। करीब 1 डेढ़ साल पहले भी सड़क पर मारपीट के कारण इसी थाने में एक मामला भी दर्ज हो चुका है। आखिरकार, ओइंद्रीला के इस फास्ट लाइफ ने उसे अंधकार की जिंदगी में धकेल दिया और ओइंद्रीला को खुदकुशी करने के लिए बाध्य होना पड़ा। क्या फास्ट लाइफ और ड्रग्स ने ओइंद्रीला को यह कदम उठाने पर मजबूर किया या उसे अपने सारे फैसलों को लेकर पछतावा हुआ जिसका नतीजा उसका खुदकुशी करना था। दरअसल, सुसाइड से पहले ओइंद्रीला ने अपने लिव इन पार्टनर सिद्धार्थ चटर्जी को व्हाट्सएप पर एक वॉयस मैसेज भेजा था जिसे सुसाइड मैसेज माना जा रहा है, उसके कारण ये सारे कयास लगाए जा रहे हैं।
क्या था वॉयस मैसेज में
घटनास्थल से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिली थी लेकिन ओइंद्रीला का मोबाइल फोन मिला था। इस मोबाइल में ओइंद्रीला ने सिद्धार्थ को ही वॉयस मैसेज किया था और खुदकुशी की बात बताई थी। दरअसल, सूत्रों ने बताया कि जांच में जो सामने आया है उससे पता चल रहा है कि खुदकुशी से करीब 4 से 5 घंटे पहले ओइंद्रीला और सिद्धार्थ ने शराब और ड्रग्स लिया था। फिर दोनों झगड़ने के बाद अलग - अलग कमरे में चले गए। इसके बाद ओइंद्रीला ने वॉयस मैसेज किया था। इस वॉयस मैसेज में था - "मैं पागल हूं. मैं दुनिया की सबसे गंदी लड़की हूं. मेरे मां और पिता जी बहुत अच्छे थे, वो हमेशा मुझे सही रास्ता चुनने को कहते थे लेकिन मैं उनकी बात नहीं सुनती थी. अब मैं अपने मां और पिताजी के पास ही जा रही हूं. मेरे पति सिद्धार्थ को पुलिस परेशान नहीं करना. वो बहुत अच्छा और केयरिंग है." सूत्र बताते है कि इस वॉयस मैसेज की आवाज को पहचानने के लिए पुलिस ने ओइंद्रीला के भाई को बुलाया था और उसके भाई ने वॉयस मैसेज के वॉयस की पहचान की। हालांकि, वॉयस मैसेज ने पुलिस को भी हैरानी में डाला है। बहरहाल, पुलिस को इस मामले में कोई शिकायत या कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। मगर ओइंद्रीला का यह मामला इतना सोचने में जरूर मजबूर कर रहा है कि एक गलत फैसला और चकाचौंध की जिंदगी की कीमत सिर्फ मौत है। समाज को इससे सबक लेने की जरूरत है।
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