" ऐसा ही एक वाक्या कोलकाता में सामने आया है। कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम आयोजित करने वाले नकली कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर को कोलकाता पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। काफी दिनों से सरकारी अफसर के तौर पर रौब जमाकर रखा था लेकिन पुलिस ने उसकी पोल खोल दी। गिरफ्तार नकली कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर की पहचान देबांजन देब (28) के रूप में हुई है। वो आनंदपुर थाना इलाके का रहने वाला है। "
Kolkata news : पूरे देश में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है। इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीन है। कोरोना को हराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोविड वैक्सीनेशन पर लगातार जोर दे रही हैं। अब तो 21 जून से 18 वर्ष से ऊपर वाले लोगों को भी वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध है वो भी बिल्कुल मुफ्त।
हर जगह ही स्थानीय प्रशासन वैक्सीन प्रोग्राम कर लोगों को वैक्सीन देने की व्यवस्था कर रहे हैं। मगर, हैरान करने वाली बात ये है कि इस आपदा में भी कुछ लोगों को मौका मिल गया है अपना उल्लू सीधा करने का। इस दौरान कई ऐसे लोगों का भी मुखौटा खुला है जो दिखाते कुछ थे और असल में थे कुछ और ही।
ऐसा ही एक वाक्या कोलकाता में सामने आया है। कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम आयोजित करने वाले नकली कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर को कोलकाता पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। काफी दिनों से सरकारी अफसर के तौर पर रौब जमाकर रखा था लेकिन पुलिस ने उसकी पोल खोल दी।
गिरफ्तार नकली कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर की पहचान देबांजन देब (28) के रूप में हुई है। वो आनंदपुर थाना इलाके का रहने वाला है। उसके कब्जे से नकली आईडी कार्ड, आईएएस स्टैंप लगे नकली दस्तावेज और एक ब्लू लाइट, तिरंगा और बंगाल सरकार का लोगो और स्टीकर लगी कार जब्त की गई है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
पुलिस ने बताया, कसबा थानांतर्गत राजडांगा मेन रोड इलाके में स्थित यूको बैंक बिल्डिंग में कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम आयोजित की गई थी। दरअसल, इस प्रोग्राम को कोलकाता नगर निगम की तरफ से आयोजित किया गया था जहां सभी को वैक्सीन दी जानी थी।
मगर ताज्जुब की बात ये थी कि इस प्रोग्राम के बारे में स्थानीय थाने को कोई सूचना नहीं दी गई थी। दरअसल, अगर कोई भी प्रशासन कुछ भी कार्यक्रम करता है तो उसकी जानकारी स्थानीय थाने को दी जाती है ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
यहां पुलिस को उस वक्त इस प्रोग्राम के बारे में पता चला जब यूको बैंक बिल्डिंग के बाहर लोगों की भीड़ देखी गई। बंगाल में अभी लॉक डाउन है और ऐसे में लोगों की भीड़, पुलिस को दाल में कुछ काला लगा। कसबा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।
वहां जाकर कसबा थाने की पुलिस को पता चला देबांजन देब जो खुद को आईएएस अधिकारी और साथ ही कोलकाता नगर निगम का ज्वाइंट कमिश्नर बताता है, उसने वैक्सीनेशन प्रोग्राम आयोजित किया है। इसके बाद उस आईएएस अधिकारी से पूछताछ की गई। पूछताछ में ही भंडाफोड़ हो गया। वो व्यक्ति कोई आईएएस अधिकारी नहीं बल्कि एक ठग निकला। वो यहां नकली दस्तावेज और अपने नकली आईडी कार्ड के जरिए लोगों को ठगने के लिए आया था।
उसके पास से जो आईडी कार्ड बरामद की गई है, उसे देखने से कोई भी नहीं बता पाएगा कि वो कार्ड नकली है। इसके अलावा उसके पास से विजिटिंग कार्ड और स्वास्थ्य विभाग से वैक्सीन कलेक्ट करने का रिक्विशन लेटर भी बरामद किया गया।
उसे मौके से ही गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया, इसके बाद उसकी एक टोयोटा कार भी जब्त की गई। कार देखने पर वो किसी आईएएस अधिकारी की कार की तरह ही लग रही थी। कार में ब्लू वीकॉन लाइट, तिरंगा और पश्चिम बंगाल सरकार का स्टैंप व लोगो लगा स्टीकर लगा हुआ था।
पुलिस सूत्रों ने बताया, प्राथमिक पूछताछ में पता चला, पिछले कुछ दिनों से वो नकली आईएएस अधिकारी बनकर घूम रहा था। फिलहाल, उससे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसे दस्तावेज, आईडी कार्ड कहां से मिले और उसके साथ और कौन - कौन शामिल है। उसकी तलाश की जा रही है।
बता दें कि इस तरह की घटना कोई नई नहीं है लेकिन अभी जिस परिस्थिति में ये घटना सामने आई है वो काफी चौंकाने वाली है। अगर पुलिस इस मामले में जांच नहीं करती तो देबांजन अपना क्रियाकलाप चलाता रहता और लोगों को बेवकूफ बनाता रहता।
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