राजभवन में नियुक्त किये गए 6 ओएसडी को लेकर राज्यपाल पर भाई - भतीजावाद का टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का आरोप
साथ ही ट्वीट में आगे बाबुल ने कहा है, क्लास (वर्ग ) के बारे में टीएमसी को क्या पता है। टीएमसी का इससे दूर - दूर का संपर्क नहीं है। #TMC सीढ़ी पकड़कर जितने आगे बढ़े हैं उतना उनमें अनाड़ीपन कई गुना बढ़ा हैं। यह सब उनके डीएनए में है। वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, राजभवन में नियुक्त सभी 6 ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी ) को मेरा रिश्तेदार बताया जा रहा है, वो तथ्यात्मक रूप से गलत है। नियुक्त किये गए ओएसडी तीन विभिन्न राज्यों से और चार अलग - अलग जाति से हैं। इनमें से कोई भी मेरा करीबी रिश्तेदार नहीं हैं। इनमें से 4 तो मेरी जाति और राज्य से भी नहीं हैं।
वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दावा किया कि ये आरोप राज्य में कानून और व्यवस्था के चिंताजनक परिदृश्य से ध्यान भटकाने की रणनीति के तहत लगाए गए हैं। बता दें कि महुआ मोइत्रा ने रविवार को अपने एक ट्वीट में लिस्ट जारी कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने अपने छह करीबी लोगों और रिश्तेदारों को ओएसडी के तौर पर नियुक्त किया है। महुआ मोइत्रा की ओर से साझा की गयी लिस्ट के मुताबिक, नियुक्त किये गए ओएसडी के नाम इस प्रकार है, ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रशांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नवनियुक्त ओएसडी किशन धनखड़।
टीएमसी सांसद ने ट्वीट कर कहा था , शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी और प्रशांत दीक्षित भाई हैं. वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं। दरअसल दोनों में ट्वीट वार उस समय छिड़ा जब रविवार को जगदीप धनखड़ ने राज्य के कानून और व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था और अपनी चिंता जाहिर की थी।
उस ट्वीट पर पहले महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया था , अंकल जी पश्चिम बंगाल की चिंताजनक स्थिति सुधर जाएगी अगर आप क्षमा-याचना करके वापस दिल्ली चले जाएं और कोई दूसरी नौकरी तलाश लें। इसके बाद ही ये ओएसडी नियुक्ति में भाई - भतीजावाद का प्रसंग महुआ मोइत्रा ने उठाया था।
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