- हेयर स्ट्रीट इलाके में एक दफ्तर से 18 लाख नकदी की चोरी का मामला
- गया से मोटिया गिरफ्तार, एक फरार
"इसके बाद जब मोबाइल चालू हुआ तब उसका टावर लोकेशन गया जिला में पाया गया। इसके बाद पुलिस को ये समझते देर न लगी कि चोर गया के थे और वारदात को अंजाम देकर वापस गया चले गए। मोबाइल फोन से हुई बातचीत के सुराग से पुलिस आरोपी तक पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल हुई। घटना कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थानांतर्गत आर एन मुखर्जी रोड इलाके की है जहाँ एक दफ्तर से 18 लाख के नकदी की चोरी हुई थी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सुनील यादव के रूप में हुई है। "
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seized cash (pics from social media) |
कोलकाता क्राइम : चोरी के बाद दो आरोपी फ़ोन पर बात कर रहे थे। आरोपियों की यही बातचीत पुलिस के लिए हथियार बन गई। दरअसल, पुलिस ने जब जांच शुरू की तब टावर डंप और साइंटिफिक तरीके का इस्तेमाल किया गया।
इसके कारण पता चला कि दो मोबाइल वारदात के समय एक्टिव थे। उक्त मोबाइल का टावर लोकेशन ट्रेस किया गया। वारदात के बाद मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। इसके बाद जब मोबाइल चालू हुआ तब उसका टावर लोकेशन गया जिला में पाया गया।
इसके बाद पुलिस को ये समझते देर न लगी कि चोर गया के थे और वारदात को अंजाम देकर वापस गया चले गए। मोबाइल फोन से हुई बातचीत के सुराग से पुलिस आरोपी तक पहुंची और एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल हुई। घटना कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थानांतर्गत आर एन मुखर्जी रोड इलाके की है जहाँ एक दफ्तर से 18 लाख के नकदी की चोरी हुई थी।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान सुनील यादव के रूप में हुई है। वो इस इलाके में मोटिया का काम करता था। उसके कब्ज़े से पुलिस को 6 लाख 18 हजार रूपये मिले हैं। वहीँ दूसरा आरोपी सत्येंद्र यादव है जो फरार है। उसके खिलाफ गया में हत्या का मामला दर्ज है।
team of harestreet police station (social media)
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों ने बताया , गत 9 अक्टूबर की रात जेसीबी मशीन के दफ्तर को बंद किया गया था। इसके बाद जब 11 अक्टूबर को दफ्तर खोला गया तो देखा दफ्तर का ताला टूटा हुआ है। दफ्तर के कैश बॉक्स में रखा 18 लाख रुपया गायब है। घटना की सूचना पुलिस को दी गयी।
सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई। पुलिस ने बिल्डिंग के भीतर और बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और उससे पुलिस को काफी हद तक मदद मिली। मगर, आरोपियों की पहचान नहीं हो पर रही थी।
इसके बाद टावर डंप किया गया तो पता चला देर रात 3 बजकर 47 मिनट पर उस इलाके में दो मोबाइल एक्टिव थे। फिर क्या पुलिस ने उक्त दो मोबाइल के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की। मोबाइल के टावर लोकेशन, गुप्तचरों से मिली सूचना और साइंटिफिक विंग्स की मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस सूत्रों ने बताया, सुनील यादव ने पूछताछ में खुलासा किया कि वो इस इलाके में मोटिया का काम करता था। वो इस दफ्तर में भी माल पहुँचाया करता था। उसे पता था कि दफ्तर में कैश पड़ा रहता है। इसके अलावा इलाके में स्थित होटल में भी वो रोजाना खाना खाने आता था तो भी इस दफ्तर पर नजर रखता था।
दफ्तर में कैश की बात उसने सत्येंद्र को बताई थी। इसके बाद सत्येंद्र के साथ मिलकर उसने घटना को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस सत्येंद्र को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है।
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