- 9 अक्टूबर को किया जायेगा उद्घाटन, तैयारियां जोरो पर
'उस पूजा का नाम मोहम्मद अली पार्क की पूजा है। यूथ एसोसिएशन मोहम्मद अली पार्क की तरफ से मोहम्मद अली पार्क में आयोजित पूजा फिर से पहले की कलेवर में दिखाई देने वाली है। इस बार दो साल के बाद पार्क में पूजा का आयोजन किया गया है। दरअसल , मोहम्मद अली पार्क में स्थित रिजर्वायर के ख़राब होने से मरम्मत का काम चल रहा है जिसके कारण पिछले दो सालों से यहाँ की पूजा पास में ही स्थित फायर ब्रिगेड में शिफ्ट कर दी गई थी। मगर इस बार प्रशासन से आवेदन करने कर पार्क के गेट पर ही पूजा कि अनुमति के लिए गुहार लगाई गयी थी। इसके बाद ही पार्क के मेन गेट पर पूजा आयोजित कि जा रहे है । इस बारे में यूथ एसोसिएशन मोहम्मद अली पार्क के जॉइंट सेक्रेटरी गणेश शर्मा ने बताया, इस बार हमारी पूजा 53 वें साल में प्रवेश कर चुकी है। '
![]() |
puja pandal of mohammad ali park |
बंगाल की दुर्गा पूजा : दुर्गा पूजा, देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक राज्य पश्चिम बंगाल में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को लेकर पश्चिम बंगाल की राजधानी महानगर सहित सभी जिलों में कई महीने पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। पूजा थीम को लेकर सभी पूजा आयोजकों में होड़ लगी रहती है।
वहीं हम आपको मध्य कोलकाता के एक पूजा पंडाल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सिर्फ नाम ही काफी है। उस पूजा का नाम मोहम्मद अली पार्क की पूजा है। यूथ एसोसिएशन मोहम्मद अली पार्क की तरफ से मोहम्मद अली पार्क में आयोजित पूजा फिर से पहले की कलेवर में दिखाई देने वाली है।
इस बार दो साल के बाद पार्क में पूजा का आयोजन किया गया है। दरअसल , मोहम्मद अली पार्क में स्थित रिजर्वायर के ख़राब होने से मरम्मत का काम चल रहा है जिसके कारण पिछले दो सालों से यहाँ की पूजा पास में ही स्थित फायर ब्रिगेड में शिफ्ट कर दी गई थी।
मगर इस बार प्रशासन से आवेदन करने कर पार्क के गेट पर ही पूजा कि अनुमति के लिए गुहार लगाई गयी थी। इसके बाद ही पार्क के मेन गेट पर पूजा आयोजित कि जा रहे है । इस बारे में यूथ एसोसिएशन मोहम्मद अली पार्क के जॉइंट सेक्रेटरी गणेश शर्मा ने बताया, इस बार हमारी पूजा 53 वें साल में प्रवेश कर चुकी है।
हमने 50 वां साल मोहम्मद अली पार्क के भीतर ही मनाया था लेकिन दो सालों से पूजा दूसरी जगह यानी फायर ब्रिगेड में की जाती थी। इस बार पूजा भले ही पार्क के भीतर नहीं पार्क के गेट पर हो रही हैं, लेकिन हमें इसकी भी बेहद ख़ुशी हैं। आगामी 9 अक्टूबर को इस पूजा पंडाल का उद्घाटन किया जायेगा।
![]() |
thermocol art |
मोहम्मद अली पार्क की पूजा को फिर मिला अपना नाम
जॉइंट सेक्रेटरी गणेश शर्मा का कहना है कि पिछले दो सालों से प्रशासन की अनुमति से ही फायर ब्रिगेड में पूजा आयोजित की जा रही थी। पिछले दो सालों से लोगों की जुबान पर फायर ब्रिगेड का नाम आने लगा था। लोग कहते थे कि मोहम्मद अली पार्क की पूजा फायर ब्रिगेड में शिफ्ट हो गयी है।
सभी इस पूजा को फायर ब्रिगेड के पूजा के नाम से बुलाने लगे थे लेकिन इस बार हमने मंत्री और केएमसी के प्रशासक फिरहाद हकीम से अनुरोध किया और उन्होंने हमें अनुमति दे दी। इसके साथ ही ये भी बताया गया, पार्क के भीतर चल रहा काम 1-2 सालों में पूरा हो जायेगा।
उम्मीद है कि हम जल्द ही पार्क के भीतर फिर से पूजा आयोजित कर सकेंगे। मगर इस बात की भी ख़ुशी है कि मोहम्मद अली पार्क की पूजा को फिर से अपना नाम वापस मिल गया है। अब लोग कह रहे है कि पूजा मोहम्मद अली पार्क में हो रही है।
इस पूजा को लेकर हुई कंट्रोवर्सी पर दिया जवाब
मोहम्मद अली पार्क के नाम को लेकर कुछ कंट्रोवर्सी हुई थी, जिसको लेकर गणेश शर्मा ने बताया, ऐसा कुछ नहीं है। 25 - 30 सालों से इस पार्क में पूजा हो रही है। इससे पहले पूजा तारा चंद दत्ता स्ट्रीट में पूजा होती थी। रास्ते पर पूजा को लेकर हाई कोर्ट ने हमें कहा था कि रास्ते पर इतनी बड़ी पूजा संभव नहीं हैं।
आप पार्क में पूजा आयोजित करें। इसके बाद हमने प्रशासन के निर्देश पर इस पार्क में पूजा करनी शुरू कर दी थी। यहाँ हिन्दू, मुस्लिम सभी धर्म के लोग पूजा में शामिल होते हैं। यहाँ इस तरह कि कोई बात नहीं है। अगर किसी ने ये कहा है तो ये गलत है। ये किसी ने अफवाह उड़ाई है।
कोरोना की थीम पर हो रहा है पूजा पंडाल का आयोजन
कोरोना महामारी ने सिर्फ देश को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को अपने चपेट में लिया है। कोरोना काल पिछले दो सालों से लोगों की जिंदगी में ग्रहण लगाए हुए है। अमीर से लेकर गरीब सभी इसके भुक्तभोगी है। पिछले दो सालों में कोरोना काल की सभी प्रक्रिया यहाँ पंडाल में देखने को मिलेगी।
इस पूजा पंडाल के थीम आर्टिस्ट देबब्रत चंद्र ने बताया , पिछले दो महीने से इस पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। पूजा पंडाल के निर्माण के लिए 26 कारीगर लगे हुए हैं। उन्होंने बताया हमारा थीम 'सोबर ऊपर मानुष सोत्तो ' यानी सबसे ऊपर मनुष्य है।
दरअसल, चंद्र बताते है कि कोरोना सभी के जीवन से जुड़ा है। इस कोरोना की सृष्टि मानव ने ही की है और इसे ख़त्म करने के लिए मनुष्य ही दवा बना रहा हैं। या यूँ कहे कि मनुष्य ही दुनिया का अंतिम रास्ता है। इस पूजा पंडाल में कोरोना की शुरूआत, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी , स्कूलों के बंद होने से लेकर कोरोना वैक्सीन लगाने तक की पूरी प्रक्रिया को दर्शाया जायेगा।
इसके लिए फोम, थर्माकोल और लोहे का इस्तेमाल किया गया है। वहीं मूर्ति को पूरी तरह ट्रेडिशनल रखा गया है। महालया के दिन मूर्ति पंडाल में आ जाएगी। आगामी 3 - 4 दिनों में पूरा पंडाल बनकर तैयार हो जायेगा।
कोरोना प्रोटोकॉल का हो रहा है पालन
इस पूजा पंडाल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। पंडाल ऐसे बनाया गया है जिसके कारण यहाँ भीड़ होने ki संभावना नहीं हैं। लोग आएंगे और बाहर से ही पूरे पंडाल का दर्शन कर सकेंगे। लोगों को कोई परेशानी भी नहीं होगी।
No comments:
Post a Comment